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कपालभाती प्राणायाम: लाभों के साथ-साथ जानें इसके खतरे!

कपालभाती प्राणायाम

कपालभाती प्राणायाम केसे करें :Step by Step.

दोस्तों नमस्कार !RCM gurukul में आपका स्वागत हे !

आज के इस लेख में हम जानेंगें कपालभाति प्राणायाम क्या है?इसे केसे किया जाता हे ?इसके लाभ क्या हें ?क्या ये हमारे लिए खतरनाक भी हो सकता हे ?

कपालभाती प्राणायाम का परिचय :

  • कपालभाती प्राणायाम एक शातिशाली और फायदेमंद योग हे I
  • कपाल का अर्थ होता हे माथा या ललाट और भाति का अर्थ होता हे चमक Iइसप्रकार कपालभाती का अर्थ होता हे माथे पर चमक पैदा करने वाला प्राणायाम I
  • इस में नाक से साँस तेजी से छोड़ा जाता हे जिससे पेट अपने आप अंदर जाता हे I

कपालभाती प्राणायाम का इतिहास :

  • 15 वी सदी लिखे गए शास्त्रों मिसका उल्लेख मिलता हे I
  • यह हठयोग के षट्कर्म (6 क्रियाओं )में एक हे Iजिसका उपयोग नाक ,गला ,अंत ,पेट और ब्रेन को साफ करने के लिए किया जाता हे I
  • कपालभाती प्राणायाम को लोकप्रिय बनाने में स्वामी रामदेव का बहुत योगदान हे I

कपालभाती प्राणायाम करने का तरीका :

कपालभाती प्राणायाम
  • किसी शांत और साफ जगह पर चटाई बिछा कर बैठ जाएं।
  • आप पद्मासन, सुखासन, वज्रासन या किसी भी आसन में बैठ सकते हैं।
  • अपनी कमर को सीधा रखें और अपने हाथों को घुटनों पर ज्ञान मुद्रा में रखें।
  • अपनी आंखें बंद करें और शरीर को शांत और ढीला छोड़ दें।
  • अब नाक से सांस बाहर फेंकें पेट को अपने आप अंदर जाएगा ,धीरे से साँस लें ।
  • एक सेकंड में एक चक्र पूरा होगा ,इसे 5 मिनट करें (यदि थकावट महसूस हो तो रुक जाएँ ) ।
  • एक चक्र पूरा होने के बाद, अपनी सांस को सामान्य करें और कुछ सेकंड तक विश्राम करें।
  • इस चक्र को तीन बार दोहराएं।
  • कपालभाती प्राणायाम का अभ्यास पूरा होने के बाद, अपनी आंखें खोलें और शांति का अनुभव करें।

कपालभाती प्राणायाम के लाभ :

  • शारीरिक लाभ:
  • पाचन क्रिया में सुधार: कपालभाति से पेट की मांसपेशियों मजबूत बनती हैI यह पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है। यह गैस, एसिडिटी, कब्ज और अपच जैसी पाचन की समस्याओं को दूर करने में मदद करता है।
  • वजन कम करने में सहायक: कपालभाति शरीर में चयापचय क्रिया को बढ़ाता है और वजन कम करने में सहायता करता है।
  • श्वसन तंत्र को मजबूत बनाता है: कपालभाति फेफड़ों की कार्य क्षमता को बढ़ाता है Iयह श्वसन तंत्र को मजबूत बनाता है। यह अस्थमा, खांसी, और सांस लेने में तकलीफ को दूर करने में मदद करता है।
  • रक्त संचार में सुधार: कपालभाति रक्त संचार को बेहतर बनाता है और शरीर के सभी अंगों को ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की आपूर्ति करता है।
  • बालों और त्वचा को स्वास्थ बनता हे : यह बालों की जड़ों को मजबूत बनाकर बाल झड़ने को रोकता हे Iत्वचा को भी चक्दर बनता हे I
  • तंत्रिका तंत्र को मजबूत बनाता है: कपालभाति तंत्रिका तंत्र को मजबूत बनाता है और तनाव, चिंता और अवसाद को कम करने में मदद करता है।
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि: कपालभाति शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता(immunity) को बढ़ाता है और बीमारियों से लड़ने में मदद करता है
  • मानसिक लाभ:
  • एकाग्रता और स्मरण शक्ति में वृद्धि: कपालभाति एकाग्रता और स्मरण शक्ति को बढ़ाता है।
  • मानसिक शांति और स्थिरता: कपालभाति मानसिक शांति और स्थिरता प्रदान करता है।
  • तनाव, चिंता और अवसाद में कमी: कपालभाति तनाव, चिंता और अवसाद को कम करता है।
  • आत्मविश्वास में वृद्धि: कपालभाति आत्मविश्वास को बढाता हे I

कपालभाती प्राणायाम के साइड इफ्फेक्ट :

कप्ल्भाती प्राणायाम
  • HIGH BP,गर्भावस्था ,ह्रदय रोग ,अस्थमा और ब्रेन हेमरेज के मरीजों के लिए कपालभाती प्राणायाम जोर से करना हानिकारक हो सकता हे I
  • ज्यादा जोर लगा कर करने से शारीर का तापमान बढ़ जाता हे I
  • जोर लगा कर करने से पेट के अंदरूनी अंगो पर दबाव पड़ता हे जिससे अल्सरऔर हर्निया हो सकता हे I
  • नाक से तेजो से साँस छड़ने से नाक में खुजली या जलन हो सकती हे I
  • मासिकधर्म और गर्भावस्था में यह गर्भाशय की दिवार को चोट पहुँच सकता हे I
  • कपालभाती अधिक देर करना शरीर के लिए हानिकारक हो सकता हे I

इन साइड इफ़ेक्ट से बचने के लिए कपालभाती धीरे धीरे करें ITrained योग टीचर की देखरेख में करना ज्यादा सुरक्षित होगा I

कपालभाती करते समय सावधानियां :

  • कपालभाति प्राणायाम करते समय पालन करने योग्य सावधानियां:
  • 1. सही मुद्रा:
  • कपालभाति करते समय रीढ़ कमर सीधी रखें ।
  • जमीन पर आरामदायक आसन में बेठें ।
  • कंधों को आराम से रखें।
  • 2. श्वास:
  • धीरे-धीरे और गहरी सांस लें।
  • सांस छोड़ते समय पेट को अंदर की ओर खींचें।
  • श्वास लेने और छोड़ने की गति समान होनी चाहिए।
  • 3. गति:
  • अपनी क्षमता के अनुसार ही कपालभाति करें।
  • शुरुआत में धीमी गति से शुरू करें और धीरे-धीरे गति बढ़ाएं।
  • यदि आपको चक्कर आने लगे या सांस लेने में तकलीफ हो तो रुक जाएं।
  • 4. समय:
  • शुरुआत में 5-10 मिनट तक कपालभाति करें।
  • धीरे-धीरे समय बढ़ाकर 20-30 मिनट तक करें।
  • 5. स्वास्थ्य:
  • यदि आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है, तो कपालभाति करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
  • गर्भवती महिलाओं को कपालभाति नहीं करना चाहिए।
  • उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, मधुमेह, या अस्थमा जैसी स्वास्थ्य समस्याओं वाले लोगों को कपालभाति करते समय सावधानी बरतनी चाहिए।
  • 6. अन्य सावधानियां:
  • कपालभाति करते समय अपनी आँखें बंद रखें।
  • शांत और हवादार जगह पर कपालभाति करें।
  • खाली पेट कपालभाति करना बेहतर होता है।
  • कपालभाति के बाद कुछ मिनट आराम करें।

निष्कर्ष(CONCLUSION):

  • कपालभाती एक बहुत लाभदायक प्राणायाम हे I
  • यह हमें शारीरिक और मानसिक लाभ पहुंचता हे I
  • हमे कपालभाती प्राणायाम धीरे धीरे करना चाहिए I
  • सुबह खाली पेट कपालभाति करना सबसे अच्छा होता है
  • शुरुआत में 5-10 मिनट से शुरू करें और धीरे-धीरे समय 20-30 मिनट तक बढ़ाएं
  • अपनी क्षमता के अनुसार ही कपालभाति करें।
  • शांत और हवादार जगह पर कपालभाति करें
  • कपालभाति के बाद कुछ मिनट आराम करें

नियमित रूप से कपालभाति करके आप स्वस्थ और खुशहाल जीवन जी सकते हैं।

  • योग के लाभ जानने के लिए ये विडियो देखें
  • https://youtu.be/zA7camagW_Q
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  • READ MORE –Yoga ke Labh:योग के लाभ

FAQ:

  1. कपालभाती प्राणायाम क्या है और इसके लाभ क्या हैं?
    कपालभाती प्राणायाम एक प्राचीन तकनीक है जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की लिए लाभदायक है।
  2. क्या कपालभाती प्राणायाम किसे करना चाहिए?
    कपालभाती प्राणायाम फेफड़े से संबंधित समस्याओं से पीड़ित लोगों और डायबिटीज, दिल की बीमारी, उच्च रक्तचाप और मस्तिष्क संक्रमण वाले व्यक्तियों के लिए लाभदायक है।
  3. क्या कपालभाती प्राणायाम हानिकारक हो सकता है?
    हां, गर्भावस्था में हैं, उच्च रक्तचाप, ह्रदय रोग, सिरदर्द, चक्कर आना की अवस्था में कपालभाती प्राणायाम करना असुरक्षित हो सकता है।
  4. क्या कपालभाती प्राणायाम का सही तरीका क्या है?
    कपालभाती प्राणायाम के लिए तेजी से बाहर सांस निकालें इससे पेट अंदर जाएगा I
  5. क्या कपालभाती प्राणायाम ध्यान को बढ़ावा देता है?
    हां, कपालभाती प्राणायाम ध्यान को अधिक सहज, गहरा और प्रभावी बनाता है। यह मानसिक शांति और ऊर्जा को बढ़ाने में मदद करता है और मस्तिष्क की क्षमता बढ़ाता हे I

अस्वीकरण:

सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. Iयह किसी योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं हैIअधिक जानकारी के लिए किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करेंI

Health Gurukul इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है

Jitender Sharma

Retired Vice Principal Certified Yoga Teacher. M. D. (Acupressure ) Certified Nutrition Counsellor Specialist of Diabetes Reversal

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