योग का चमत्कार: महिलाओं के लिए हर उम्र में फिट और स्वस्थ रहने का रहस्य!
दोस्तों नमस्कार !RCM GURUKUL में आपका स्वागत हे I
आज जानेंगे योग का चमत्कार , विशेष रूप से महिलाओं के लिए जो हर उम्र में फिट और स्वस्थ रहना चाहती हैं। योग न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि मानसिक स्थिति को भी अच्छा रखने में सहायक होता है। हम इस पोस्ट में जानेंगे कि कैसे योग आपको जीवन के हर क्षेत्र में फायदा पहुंचा सकता हे ।
हर व्यक्ति को योग को अपने जीवन का हिस्सा बना लेना चाहिए क्योंकि ये हमारे लिए बहुत लाभदायक होता है। विशेष रूप से महिलाओं के लिए तो योग बहुत ज्यादा आवश्यक होता है क्योंकि यह तनाव कम करता है ,हार्मोन्स को, संतुलन में रखता है, रोग प्रतिरोधक क्षमता पैदा करता है और हमारे शरीर की सभी क्रियाओं को बेहतर बनाता हे ।
- योग उन्हें अपने दिनचर्या, आहार, और नींद को सुधारने में सहायता करता हैI
- योग उन्हें अपने हार्मोन, वजन, त्वचा, बाल, और मासिक धर्म को नियंत्रित करने में सहायता करता हैI
- उन्हें गर्भावस्था, मेनोपॉज, और वृद्धावस्था के दौरान आने वाली चुनौतियों से निपटने में शक्ति देता है।
- योग उन्हें अपने तनाव, चिंता, और अवसाद से मुक्त होने में मदद करता हे I
- रोग प्रतिरोधक क्षमता, ऊर्जा, और खुशी को बढ़ाने में मदद करता है।
- योग उन्हें अपने शरीर को लचीला और मजबूत बनाने में मदद करता है।
एक महिला के जीवन में बहुत सी अवस्थाएं आती है जहाँ उसकी आवश्यकता अलग अलग होती है। एक महिला पहले युवा होती है, फिर गर्भवती होती है, फिर वो अधेड़ अवस्था को प्राप्त करती है और अंत में वह बुढ़ापे की अवस्था में आ जाती है। इन सभी अवस्थाओं में स्वस्थ रहने के लिए उसे अलग अलग प्रकार के योग और प्राणायाम करने चाहिए।
युवा महिलाओं के लिए योग (Yoga for Young Ladies):
युवावस्था में महिलाओं के लिए योग करना बहुत आवश्यक होता है। इस अवस्था में उन्हें बहुत सी जिम्मेदारियों को पूरा करना होता हैI योग उनकी शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है। यह उनके शारीरिक स्वास्थ्य को मजबूत बनाता है और नींद को सुधारने में सहायता करता है। युवा महिलाओं को निम्नलिखित योग करनी चाहिए।
1 .सूर्य नमस्कार (Sun Salutation):
यह एक प्रसिद्ध योगासन है, जो 12 आसनों का संयोजन है, जो आपकी पूरी शरीर को स्ट्रेच और टोन करता है। इससे Blood Circulation बढ़ता है, आपकी सांस लेने की क्षमता बढ़ती है, और आपका मन शांत होता है। सूर्य नमस्कार सुबह उठते ही खाली पेट करना चाहिए । इसके लिए आपको कोई विशेष साधन की जरूरत नहीं है, बस एक चटाई या फर्श पर कर सकते हैं।
सूर्य नमस्कार के 12 आसन
- प्रणामासन (Pranamasana ): आप सूरज की तरफ चेहरा करके सीधे खड़े हो जाएँ , और दोनों को पैरों को मिलाएं, कमर सीधी रखें। अब हाथों को सीने के पास लाएं और दोनों हथेलियों को मिलाकर प्रणाम की अवस्था बनाएं। इसे करते समय आपको सांस बाहर छोड़नी है।
- हस्तउत्तनासन (Hasta Uttanasana ): अपने हाथों को सिर के ऊपर उठाकर सीधा रखें, और हाथों को प्रणाम की अवस्था में ही पीछे की ओर ले जाएँ । अब कमर को पीछे की तरफ झुकाना है। इसे करते समय आपको सांस अंदर लेनी है।
- ह्स्त्पादासन (Hastpadasan ): अब आपको धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकना है, और हाथों से पैरों की उंगलियों को छूना है। इस समय आपका सिर घुटनों से मिला होना चाहिए।
- अश्व संचालनासन (Ashwa Sanchalanasana ): अब आपको धीरे-धीरे सांस लेते हुए सीधा पैर पीछे की ओर फैलाना है। सीधे पैर का घुटना जमीन से मिलना चाहिए। अब दूसरे पैर को घुटने से मोड़ना है, और हथेलियों को जमीन पर सीधा रखना है। सिर को आसमान की ओर रखना है।
- दंडासन (Dandasana ): आपको दोनों पैरों को पीछे की ओर फैलाना है, और शरीर को एक सीधी रेखा में लाना है। आपके हाथ और पैर जमीन पर सीधे होने चाहिए। आपका पीठ और गर्दन भी सीधे होने चाहिए।
- अष्टांग नमस्कार (Ashtanga Namaskara ): इसमें आपको धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए अपना शरीर नीचे लाना है, जब तक आपके आठ अंग (दोनों हाथ, दोनों घुटने, दोनों पैर की एड़ियां, छाती और ठोड़ी) जमीन से स्पर्श न हो जाएं।
- भुजंगासन (Bhujangasana): इसमें आपको धीरे-धीरे सांस लेते हुए अपनी छाती और सिर को ऊपर की ओर उठाना है, और अपने हाथों का सहारा लेकर अपने पेट को जमीन से उठाना है। आपकी नजर आसमान की ओर होनी चाहिए।
- अधोमुखश्वानासन (Adho Mukha Svanasana ): इसमें आपको धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए अपने हाथों और पैरों को जमीन पर रखते हुए अपना शरीर एक उल्टे व कोने की आकृति में लाना है। आपका पीठ और पैर सीधे होने चाहिए। आपका सिर नीचे की ओर झुका होना चाहिए।
- अश्व संचालनासन (Ashwa Sanchalanasana ): इस स्थिति में धीरे-धीरे सांस लेते हुए बाया पैर आगे की ओर लाना है, और घुटने से मोड़ना है। दाया पैर पीछे की ओर फैला हुआ होना चाहिए। हथेलियों को जमीन पर सीधा रखना है। सिर को आसमान की ओर रखना है।
- ह्स्त्पादासन (Hastpadasan ): इसमें आपको धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए अपना शरीर आगे की ओर झुकाना है, और हाथों को गर्दन के साथ
- हस्तउत्तनासन (Hasta Uttanasana – Raised Arms Pose): इसमें धीरे धीरे साँस भरते हुए आपको अपने हाथों को सिर के ऊपर उठाकर सीधा रखना है, और हाथों को प्रणाम की अवस्था में ही पीछे की ओर ले जाना है। अब कमर को पीछे की तरफ झुकाना है।
- प्रणामासन (Pranamasana – The Prayer Pose): इसमें आपको सूरज की तरफ चेहरा करके सीधे खड़े होना है, और दोनों को पैरों को मिलाएं, कमर सीधी रखें। अब हाथों को सीने के पास लाएं और दोनों हथेलियों को मिलाकर प्रणाम कीअवस्था बनाएं। इसे करते समय आपको सांस बाहर छोड़नी है।
2 .भुजंगासन (Cobra Pose):
भुजंगासन करने के लिए आपको सबसे पहले जमीन पर पेट के बल लेटकर अपने दोनों पैरों के अंगूठों और एड़ियों को मिलाते हुए दोनों हथेलियों को सीने के सामने जमीन पर रखें। अब सांस लेते हुए हथेलियों पर दबाव डालें और सिर, छाती और नाभि तक पेट को ऊपर उठाएं। इस स्थिति में आसमान की तरफ देखें। गर्दन को सीधा रखेंI 10 सेकंड इस अवस्था में रहें फिर वापिस आ जाएँ I
Blood circulation में सुधार : भुजंग आसन सारे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करता है और साथ में ही हार्ट को भी पूरी मात्रा में खून की सप्लाई करने में सहायता करता है।
2.Heart को आराम :यह ह्रदय के उपर तनाव को कम करता हे और फेफड़ों के कार्य में सुधर करके ह्रदय को स्वस्थ रखने में सहायता करता हे i
3.तनाव कम करना :योग stressऔर Anxiety को कम करता हे जिससे BP कण्ट्रोल होता हे इससे ह्रदय रोग का खतरा कम होता हे I
4. . छाती का विस्तार : भुजंगासन में छाती को उठाना और खोलना शामिल है, जो फेफड़ों की क्षमता में सुधार करने में मदद कर सकता है। फेफड़ों के बेहतर कार्य का अर्थ है अधिक कुशल ऑक्सीजन विनिमय, जो समग्र हृदय स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हे I
3 .त्रिकोणासन:
रोजाना 5-10 मिनट त्रिकोणासन जरुर करें IDetail देखने के लिए आगे पढ़ेंI
गर्भवती महिलाओं के लिए योग (Yoga for Pregnant Ladies):
गर्भवती महिलाओं को ऐसे आसन और प्राणायाम करने चाहियें जो उनके स्वास्थ के साथ शिशु के स्वास्थ के लिए भी लाभदायक हों Iये गर्भावस्था में आनेवाली तकलीफों को मिटने में सहायक होने चाहिए Iआपको योगासन करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह ले लेनी चाहिए Iकिसी प्रमाणित योग टीचर की देखरेख में ही योग का अभ्यास करना चाहिए I
गर्भवती महिलाओं के लिए लाभदायक योगासन हें –
1 .ताड़ासन
ताड़ासन एक योगासन है जो आपके शरीर को खड़े रहने के लिए तैयार करता है। इसे पाल्म ट्री पोज या माउंटेन पोज भी कहा जाता है। इस आसन को करने के लिए आपको निम्नलिखित चरणों का पालन करना होगा-
- दोनों पंजों को मिलाकर या उनके बीच में 10 सेंटीमीटर की जगह छोड़कर खड़े हो जाएं और बाजुओं को बगल में रखें।
- शरीर को स्थिर रखें और हाथों को सर के उपर उठा लें ,उँगलियों को आपस में फसा कर हथेलियाँ उपर की तरफ रखेI
- एडियों को ऊपर उठा कर पंजो पर BALANCE बनायें I
- 5-10 सेकंड ऐसे ही खड़े रहें और फिर वापिस आ जाएँ I
- 5-10 बार इसे दोहराएँ I
ताड़ासन के लाभ
ताड़ासन करने से आपके शरीर के कई लाभ होते हैं। इससे आपका रक्त संचार बेहतर होता है, आपकी रीढ़ और कमर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं, आपका मानसिक संतुलन बना रहता है, और आपका आत्मविश्वास बढ़ता है।
ताड़ासन आपके हृदय के लिए भी फायदेमंद होता है। इससे आपका हृदय अधिक ऑक्सीजन लेता है, आपका रक्तचाप नियंत्रित रहता है, और आपके हृदय की धड़कन सामान्य होती है। इसके अलावा, ताड़ासन आपके हृदय की रोगों से बचने में भी मदद करता हैI
2 .मार्जरी आसन (Cat Pose):
मार्जरी आसन करने का तरीका :योग मेट पर घुटनों और हाथो के सहारे इस प्रकार बेठ जाएँ कि आपकी आक्रति घोड़े जेसी बन जाए Iहाथ एकदम सीधे होने चाहियें Iअब साँस छोड़ते हुए सिर छाती की तरफ लाये और कमर को उपर की तरफ गोल करें Iइस मुद्रा में आपकी उपरी पीठ में खिचाव आएगा I
मार्जरी आसन के लाभ :
1.रीढ़ की हड्डी और पेट के अंगों की मालिश करता हे I
2 .पीठ और गर्दन में खिचाव लाता हे I
3.दमा का इलाज करता हे I
4.मासिकधर्म की समस्याओं का उपचार करता हे I
5.ल्यूकोरिया को ठीक करने में मदद करता हे I
3 .वज्रासन :
वज्रासन एक एसा योगासन हे जो खाना खाने के बाद किया जा सकता हे Iइस को करने के लिए अपने घुटनों को पीछे की तरफ मोड़ लें और अपने कूल्हों को एडी पर रख लें .दोनों पैर एक दुसरे से अलग रखें.आपकी कमर और गर्दन सीधी होनी चाहिए I अपने दोनों हाथ जंघाओं पर रखे और गहरी साँस लें और छोड़ें I2-3 मिनट से शुरू करके इस आसन में बेठने के समय को कितना भी बढ़ाया जासकता हे I
वज्रासन दिमाग को शांत और स्थिर रखने में सहायता करता हे Iयह आसन ध्यान लगाने में सहायक होता हे Iयह पाचन को सुधरता हे Iघुटनों और कमर दर्द को ठीक करता हे I
4 .त्रिकोणासन :
त्रिकोणासन (Trikonasana) एक योगासन है जो वजन कम करने में मदद कर सकता है. इस आसन के कई लाभ होते हैं:
- कमर की चर्बी को कम करना: त्रिकोणासन के द्वारा, कमर की मांसपेशियाँ मजबूत होती हैं और यह आपकी कमर की चर्बी को कम करने में मदद करता है.
- जांघों और हिप्स को मजबूत करना: इस आसन से जांघों की मांसपेशियाँ मजबूत होती हैं और हिप्स को सुडौल बनाए रखने में मदद करता है.
- शरीर को संतुलित बनाए रखना: त्रिकोणासन करने से शरीर का संतुलन बना रहता है और इससे कई शरीर के हिस्से सक्रिय होते हैं, जिससे वजन कम होने में मदद मिलती है.
- पाचन को सुधारना: यह आसन पाचन को सुधारने में मदद कर सकता है और विषैले तत्वों को शरीर से बाहर निकालने में सहायक हो सकता है, जिससे वजन कम होता है.
त्रिकोणासन को सही तरीके से करें और तेजी से वजन घटाएं ।
5 .शवासन:
रोजाना 10-15 मिनट शव आसन करें IDetail देखने के लिए आगे पढ़ें I
मध्य व्यस्क महिलाओं के लिए योग :
अधेड़ अवस्था में महिलाओं को बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ता हैI जिनमें से एक प्रमुख है मोनोपॉज। इस अवस्था में महिलाओं के हार्मोन में बहुत ज्यादा परिवर्तन होता है Iउनकी मानसिक अवस्था भी अस्थिर हो जाती है। इस अवस्था में उनको ऐसे योगासन करने चाहिए जो उनके हार्मोन के परिवर्तन, वजन नियंत्रण और रोगों से बचने में उनकी मदद करते हैंI
ऐसे कुछ योगासन है।
1.वीर भद्रासन (Warrior Pose):
पहले एक चटाई पर ताड़ासन में खड़े हों जाएँ I
- अपने बाएं पैर को अंदर की तरफ मोड़ें और दायें पैर को बाहर की तरफ समकोण पर मोड़ें ।
- आपके ऊपर के शरीर को सीधा रखें और दोनों हथेलियों को जोड़ कर उपर उठायें ।
- आँखें आगे की ओर देखें और सांसें धीरे-धीरे लें।
- इसे 5 बार दोहराएँ I
इस आसन से हृदय की क्षमता में सुधार हो सकता है और यह शारीरिक स्थिति को भी सुधार सकता है। यह मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद कर सकता है, जिससे हृदय को भी लाभ हो सकता है। इसके अलावा, यह आत्मा को स्थिरता और शांति की भावना प्रदान कर सकता है, जो मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता हे I
2, उत्तानपादासन:
उत्तानपादासन एक योगासन है, जो पेट की चर्बी कम करने, पाचन सुधारने, और नाभि को स्थान पर रखने में मदद करता है। इसे करने के लिए आपको निम्नलिखित चरणों का पालन करना होगा:
- पीठ के बल लेटें, और अपने हाथों को शरीर के साथ रखें।
- श्वास भरते हुए, बिना घुटनों को मोड़े, दोनों पैरों को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं, और लगभग 30 डिग्री के कोण पर रोकें।
- कुछ सेकंड तक इस स्थिति में रहें, और सामान्य श्वास लेते रहें।
- श्वास छोड़ते हुए, धीरे-धीरे दोनों पैरों को वापस जमीन पर लाएं।
- इस प्रक्रिया को 5 से 10 बार दोहराएं, और बीच-बीच में शवासन में विश्राम करें।
3 .शवासन (Corpse Pose
यह आसन आपके पूरे शरीर को रिलैक्स करता है, और आपको नींद की तैयारी करता है। इस आसन को करने के लिए, आपको अपने पीठ के बल जमीन पर लेटना है, और अपने हाथों और पैरों को थोड़ा फैलाकर रखना है। आपको इस आसन में 15 से 20 मिनट रहना है, और अपनी सांसों को गहरी और निर्मल रखना है।
शवासन (Corpse Pose)के लाभ :
शवासन, जो कि अंग्रेजी में “Corpse Pose” कहलाता है, एक आसन है जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करता है। यहां इस आसन के कुछ मुख्य लाभ हैं:
- ताजगी और चिंता मुक्ति: शवासन के दौरान शरीर को पूरी तरह से आराम मिलता है और यह तनाव को कम करने में मदद करता है। मानसिक चिंताओं को दूर करने में भी यह उपयुक्त है।
- शारीरिक असमर्थता को कम करना: शवासन से शरीर के सभी हिस्से बिना किसी दबाव के आराम से रहते हैं, जिससे शारीरिक असमर्थता कम होती है।
- ब्लड प्रेशर को संतुलित करना: शवासन के दौरान शरीर में शांति के कारण ब्लड प्रेशर में सुधार होता है।
- नींद में मदद करना: यह आसन रात को नींद में मदद कर सकता है, क्योंकि यह शरीर को विश्रामित अवस्था में लाता है।
- शरीर की जागरूकता में सुधार: शवासन से शरीर की जागरूकता में सुधार होती है, जिससे अच्छी तरह से सोया जा सकता है।
- सामंजस्य और ध्यान में सुधार: शवासन में रहने से मानसिक स्थिति में शांति और सामंजस्य होता है, जो ध्यान को मजबूत करने में मदद करता है।
शवासन को ध्यानपूर्वक और सही तरीके से करने से यह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में सहारा
वृद्ध महिलाओं के लिए योग
इस अवस्था में महिलाओं को ज्यादा समस्या, जोड़ों के दर्द, Bone Healthऔर मस्तिष्क की सेहत को बनाए रखने की होती है। इसलिए वृद्ध महिलाओं को ऐसे योगासन करने चाहिए जो उनकी इन सभी कामों में मदद करते हो I ऐसे योगासन हैं-
1 .ताड़ासन
3-5 मिनट रोजाना ताड़ासन करें I
2 .अर्धमत्स्येन्द्रासन:
अर्धमत्स्येन्द्रास को वक्रासन भी कहा जाता हे Iयह बेठ कर किया जाने वाला आसन हे Iइसे सुबह खाली पेट या भोजन के 4 घंटे बाद करना चाहिए I
अर्धमत्स्येन्द्रासन करने का तरीका :
जमीन पर बेठ कर पेरों को सामने फेला लें Iकमर को सीधा रखें Iदायें पैर को बाएं घुटने के उपर ले जाएँ Iबाये हाथ को घुटने पर और दायें हाथ को पीछे रखें Iगहरी साँस लेते रहें Iइस आसन को दूसरी तरफ से दोहराएँ I
अर्धमत्स्येन्द्रासन के लाभ :रीढ़ की हड्डी को फ्लेक्सिबल बनता हे ,तनाव और चिंता से राहत दिलाता हे ,blood सर्कुलेशन बढाता हे Iय्ह्पचन को बेहतर बनाता हे I
प्राणायाम :
महिलाओं को हर अवस्था में चाहे वो युवा अवस्था है, गर्भावस्था है, मध्य अवस्था है या वृद्धावस्था हैं, उन्हें प्राणायाम करना ही चाहिए क्योंकि प्राणायाम। उनको अंदर से मजबूत बनाता है, होर्मोंस का बैलेंस करता है और बायो केमिस्ट्री को भी संतुलित रखता है। महिलाओं को स्वस्थ रहने के लिए भस्त्रिका ,कपालभाती ,अनुलोम विलोम ,भ्रामरी ,उद्गीत और उज्जाई प्राणायाम प्रतिदिन slow speedमें करने चाहियें I
निष्कर्ष (conclusion):
महिलाओं को स्वस्थ रहने के लिए हर अवस्था में योग और प्राणायाम करना ही चाहिए। हमें याद रखना चाहिए करो योग, रहो निरोग। प्राणायाम और योग को अच्छी प्रकार सीखने के लिए आप हमारी फ्री योगा क्लास को सुबह और शाम अटेंड कर सकते हैं। जिसका विवरण ऊपर दे दिया गया है। यदि आपके मन में योग को लेकर के किसी भी प्रकार का प्रश्न है तो आप मुझसे संपर्क कीजिये। मैं आपके हर प्रश्न का उत्तर देने की कोशिश करूँगा।
FAQ:
- सुबह कितनी देर योग करना चाहिए? आपको 20-30 मिनट रोज़ाना करने चाहिए। यह आपकी शारीरिक और मानसिक ताजगी को बढ़ाएगा।
- कौन से आसन गर्भावस्था के दौरान कर सकते हैं? सीधा-पद्मासन, त्रिकोणासन और भद्रासन गर्भावस्था के लिए उपयुक्त हो सकते हैं।
- क्या पीरियड्स के दौरान योग किया जा सकता है? हाँ, योग अवश्य किया जा सकता है लेकिन ज्यादा तनाव युक्त आसन टालने जरुरी हैं।
- क्या योग करने से वजन काम होता है? हाँ, नियमित रूप से योग करने से महिलाओं का वजन कम हो सकता है। यह शरीर को धीरे-धीरे छोटा करने में मदद करता है।
- कौन से आसन मानसिक चिंता कम करने में सहायक होते हैं? उत्तानासन, वृक्षासन और शवासन मानसिक चिंता को कम करने में मदद करते हैं। ये शरीर को शांति और आत्म-विश्वास देते हें I
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. Health Gurukul इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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