महिलाओं के लिए योग: एक सम्पूर्ण जीवन शैली:
JITENDER SHARMA CERTIFIED YOGA TEACHER.MD(ACUPRESSURE)
दोस्तों नमस्कार ,आपका RCM GURUKUL पर स्वागत हे Iमहिलाओं के लिए योगासन करना बहुत जरूरी है, क्योंकि योगासन उनके शरीर और मन को स्वस्थ, शांत, और ऊर्जावान बनाते हैं। योगासन उनके जीवन के विभिन्न चरणों में उनकी सहायता करते हैं, जैसे कि मासिक धर्म, गर्भावस्था, प्रसव, स्तनपान, रजोनिवृत्ति, और वृद्धावस्था।इस लेख में हम देखेगें कि महिलाओं के लिए योग एक सम्पूर्ण जीवन शैली केसे बन सकती हे I
योग एक ऐसा विज्ञान है जो हमारे शरीर, मन और आत्मा को संतुलित और स्वस्थ रखने में मदद करता है। योग के अनेक लाभ हैं, जिनमें से कुछ तो आप जानते ही होंगे, लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जो आपको आश्चर्यचकित कर देंगे।
योग का अभ्यास करने से हमारी शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य सुधारती है। योग हमें शांति, खुशी, ऊर्जा, शक्ति, निर्भयता, आत्मविश्वास, आत्मसम्मान, आत्मज्ञान, और आत्मनिर्भरता प्रदान करता है। योग हमारे शरीर के विभिन्न अंगों को समर्थ बनाता है, जैसे कि हमारी रीढ़, कमर, पीठ, पेट, हाथ, पैर, गर्दन, आँखें, नाक, कान, जीभ, दांत, और त्वचा। योग हमारे शरीर के विभिन्न तंत्रों को सुचारू और समन्वित रूप से काम करने में सहायता करता है, जैसे कि हमारा पाचन तंत्र, स्वास तंत्र, हृदय तंत्र, रक्त संचार तंत्र, प्रजनन तंत्र, श्वेत तंत्र, त्वचा तंत्र, नर्व तंत्र, एंडोक्राइन तंत्र, और इम्यून तंत्र। योग हमारे मन को शांत, स्पष्ट, एकाग्र, और निर्णायक बनाता है। योग हमारे भावों को संयमित, सकारात्मक, और समरस बनाता है। योग हमारे आत्मा को जागृत, उज्ज्वल, और अनन्त बनाता है।
महिलाओं के लिए योग के इतने सारे लाभ होने के बावजूद, कई बार हम योग का अभ्यास नहीं कर पाते हैं, खासकर महिलाएं। महिलाओं को अपने परिवार, काम, और समाज के बीच एक संतुलन बनाने की चुनौती का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा, महिलाओं को अपने जीवन के विभिन्न चरणों में विभिन्न शारीरिक और मानसिक परिवर्तनों को भी झेलना पड़ता है, जैसे कि मासिक धर्म, गर्भावस्था, प्रसव, स्तनपान, रजोनिवृत्ति, और वृद्धावस्था। इन सबके बीच, महिलाओं को अपने स्वास्थ्य की देखभाल करने का समय नहीं मिलता है। इसलिए, महिलाओं के लिए योग करना बहुत जरूरी है, क्योंकि योग उन्हें हर चरण में स्वास्थ्य की देखभाल करने में मदद करता है।
योग के अनेक आसन, प्राणायाम, मुद्रा, बंध, और ध्यान हैं, जो महिलाओं के लिए विशेष रूप से लाभदायक हैं। इनमें से कुछ तो आपने सुना या किया होगा, लेकिन कुछ ऐसे भी हैं, जो आपको नए और रोमांचक लगेंगे। इस लेख में, हम आपको योग के कुछ ऐसे आसन बताएंगे, जो महिलाओं के लिए हर चरण में स्वास्थ्य की देखभाल करने में मदद करते हैं। इन आसनों को आप रोजाना कर सकती हैं, और इनसे आपको अनेक फायदे मिलेंगे।
महिलाओं के लिए बहुत लाभदायक दस योगासन:
1..सुप्त बद्ध कोणासन (RECLINED GODDESS POSE):
यह एक आराम करनेवाला आसन हे I इस आसन में, आप अपने पैरों को मोड़कर अपने जांघों को जमीन पर रखते हैं, और अपने हाथों को अपने सिर के पीछे रखते हैं। इससे आपके कमर, जांघ, और पेट की मांसपेशियों को आराम मिलता है, और आपका पाचन तंत्र उत्तेजित होता है।इससे आपके पेट की चर्बी कम होती है, और आपका वजन नियंत्रित रहता हैIपेट फूलने और अपच की समस्या में रहत देता हे और बवासीर के दर्द को कम करता हे I
महिलाओं को यह आसन पीरियड्स में होने वाली समस्याओं से छुटकारा दिलाता है। मेनोपॉज के लक्षणों से राहत मिलती है। प्रेग्नेंसी में इसे लगातार करने से डिलीवरी आसानी से हो जाती है। यह थकान को दूर करने में भी मदद करता है।
2.उत्तकत कोणासन (GODDESS POSE):
उत्कट कोणासन को Goddess Pose के नाम से भी जाना जाता है। इस आसन का नाम संस्कृत भाषा से लिया गया है जिसमें उत्कट का अर्थ है उग्र और कोणासन का मतलब मुद्रा या आसन है। यह योगासन कूल्हों, पेट, छाती और कमर व पैर की मांसपेशियों के लिए बहुत उपयोगी माना जाता है। गर्भावस्था से पहले और गर्भावस्था के दौरान इस योगासन का अभ्यास बहुत ही फायदेमंद होता हे I
महिलाओं में प्रजनन अंगों से जुड़ी समस्याओं में उत्कट कोणासन का अभ्यास बहुत लाभ दायक माना जाता है। इस योगासन के नियमित अभ्यास से महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान होने वाली कई समस्याओं में फायदा मिलता है। इसका अभ्यास करने से महिलाओं की प्रजनन क्षमता में सुधार होता है और प्रसव के दौरान होने वाली दिक्कतें भी कम होती हैं।
3.एकपाद राज कपोतासन (PEGION POSE):
इस आसन की पूर्णस्थिति में साधक का एक पैर पीछे होता है तथा उसका सीना कबूतरों की भांति बाहर निकलता है इसीलिए इसे एकपाद राजकपोत आसन कहा जाता है। इस आसन में उदर की मासपेशियाँ भीतर की ओर खिंचती हैं, फेफड़े पूरी तरह से बाहर की ओर फैलते हैं तथा मेरुदंड को पीछे की ओर झुकाया जाता है।
इस योगासन को करते समय कूल्हे के जोड़ों और उनके आसपास की कई मांसपेशियों में लचीलापन आता है, जिससे ऐंठन व अकड़न जैसी समस्याएं ठीक हो जाती हैंI इस से कंधे के जोड़ों में लचीलापन आता हैI यहचिंता, अवसाद व तनाव को कम करता हे I
4.सालंब शीर्षासन (SUPPORTED HEAD STAND):
जमीन पर बैठकर आप दोनों कोहनियों को जमीन पर टिकाकर दोनों हाथों की अंगुलियों को आपस में मिला लें। दोनों हाथों की अंगुलियों को मिलाकर आपकी हथेलियां ऊपर की ओर होनी चाहिए जिससे आप अपने सिर को हथेलियों का सहारा दे सकें। धीरे-धीरे आगे की ओर झुकते हए अपने सिर को हथेलियों पर रखें और सांस सामान्य रखें। आरम्भ में किसी दिवार के सहारे करें I
इससे से सिरदर्द में राहत मिलती है। चक्कर आने की समस्या कम होती है। ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है। तनाव और चिंता कम होती है। गर्दन व् रीढ़ की हड्डी मजबूत बनती है। पाचन प्रणाली मजबूत होती हे I STRESS होर्मोनेस कम पैदा होते हें जिससे तनाव व् चिंता से छटकारा मिलता हे I
5.पवन मुक्तासन (PAWAN MUKT ASAN):
पवनमुक्तासन एक योगासन है, जिसमें आप अपने घुटनों को अपनी छाती के पास लाते हैं, और अपने सिर को उठाकर अपने नाक को घुटनों से छूते हुए रखते हैं। इससे आपके पेट की गैस निकलती है, और आपका पाचन तंत्र सुधरता है
- इससे आपके पेट, कमर, और जांघ की मांसपेशियों को आराम मिलता है।
- इससे आपके आंतों का संकोच होता है, और आपका मलाशय साफ होता है।
- इससे आपके रक्त संचार में सुधार होता है, और आपकी नर्वस सिस्टम को स्टिमुलेट होता है।
- इससे आपका वजन कम होता है, और आपकी रीढ़ की हड्डी में लचीलापन आता है।
- इससे आपको कब्ज, एसिडिटी, गठिया, गर्भाशय सम्बन्धी रोग, और हृदय रोग से राहत मिलती हे I
6.वीर भद्रासन (WARRIOR POSE):
पहले एक चटाई पर ताड़ासन में खड़े हों जाएँ I
- अपने बाएं पैर को अंदर की तरफ मोड़ें और दायें पैर को बाहर की तरफ समकोण पर मोड़ें ।
- आपके ऊपर के शरीर को सीधा रखें और दोनों हथेलियों को जोड़ कर उपर उठायें ।
- आँखें आगे की ओर देखें और सांसें धीरे-धीरे लें।
- इसे 5 बार दोहराएँ I
इस आसन से हृदय की क्षमता में सुधार हो सकता है और यह शारीरिक स्थिति को भी सुधार सकता है। यह मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद कर सकता है, जिससे हृदय को भी लाभ हो सकता है। इसके अलावा, यह आत्मा को स्थिरता और शांति की भावना प्रदान कर सकता है, जो मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता हे I
7.भुजंगासन (COBRA POSE):
भुजंगासन करने के लिए आपको सबसे पहले जमीन पर पेट के बल लेटकर अपने दोनों पैरों के अंगूठों और एड़ियों को मिलाते हुए दोनों हथेलियों को सीने के सामने जमीन पर रखें। अब सांस लेते हुए हथेलियों पर दबाव डालें और सिर, छाती और नाभि तक पेट को ऊपर उठाएं। इस स्थिति में आसमान की तरफ देखें। गर्दन को सीधा रखेंI 10 सेकंड इस अवस्था में रहें फिर वापिस आ जाएँ I
Blood circulation में सुधार : भुजंग आसन सारे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करता है और साथ में ही हार्ट को भी पूरी मात्रा में खून की सप्लाई करने में सहायता करता है।
2.Heart को आराम :यह ह्रदय के उपर तनाव को कम करता हे और फेफड़ों के कार्य में सुधर करके ह्रदय को स्वस्थ रखने में सहायता करता हे i
3.तनाव कम करना :योग stressऔर Anxiety को कम करता हे जिससे BP कण्ट्रोल होता हे इससे ह्रदय रोग का खतरा कम होता हे I
4. . छाती का विस्तार : भुजंगासन में छाती को उठाना और खोलना शामिल है, जो फेफड़ों की क्षमता में सुधार करने में मदद कर सकता है। फेफड़ों के बेहतर कार्य का अर्थ है अधिक कुशल ऑक्सीजन विनिमय, जो समग्र हृदय स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हे I
8.ताड़ासन (TREE POSE):
ताड़ासन एक योगासन है जो आपके शरीर को खड़े रहने के लिए तैयार करता है। इसे पाल्म ट्री पोज या माउंटेन पोज भी कहा जाता है। इस आसन को करने के लिए आपको निम्नलिखित चरणों का पालन करना होगा-
- दोनों पंजों को मिलाकर या उनके बीच में 10 सेंटीमीटर की जगह छोड़कर खड़े हो जाएं और बाजुओं को बगल में रखें।
- शरीर को स्थिर रखें और हाथों को सर के उपर उठा लें ,उँगलियों को आपस में फसा कर हथेलियाँ उपर की तरफ रखेI
- एडियों को ऊपर उठा कर पंजो पर BALANCE बनायें I
- 5-10 सेकंड ऐसे ही खड़े रहें और फिर वापिस आ जाएँ I
- 5-10 बार इसे दोहराएँ I
ताड़ासन के लाभ
ताड़ासन करने से आपके शरीर के कई लाभ होते हैं। इससे आपका रक्त संचार बेहतर होता है, आपकी रीढ़ और कमर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं, आपका मानसिक संतुलन बना रहता है, और आपका आत्मविश्वास बढ़ता है।
ताड़ासन आपके हृदय के लिए भी फायदेमंद होता है। इससे आपका हृदय अधिक ऑक्सीजन लेता है, आपका रक्तचाप नियंत्रित रहता है, और आपके हृदय की धड़कन सामान्य होती है। इसके अलावा, ताड़ासन आपके हृदय की रोगों से बचने में भी मदद करता हैI
9.बालासन (CHILD POSE):
बालासन एक आराम करने वाला योगासन है, जिसमें आप अपने घुटनों के बल झुककर अपने सिर को जमीन पर रखते हैं, और अपने हाथों को आगे की ओर फैलाते हैं। इससे आपका शरीर और मन शांत होता है, और आपका पाचन तंत्र सुधरता हैI
बालासन के कब्ज से जुड़े कुछ लाभ हैं
- इससे आपके पेट की गैस निकलती है, और आपको गैस, एसिडिटी, और अल्सर से राहत मिलती है।
- इससे आपके आंतों का संकोच होता है, और आपका मलाशय साफ होता है।
- इससे आपके पाचन तंत्र को मसाज करके उसे सक्रिय और लचीला बनाता है।
- इससे आपके पेट की चर्बी कम होती है, और आपका वजन नियंत्रित रहता हैI
इन आसनों में से आप उन आसनों को छाट लीजिये जिन्हें आप आसानी से कर सकती हें और प्रतिदिन 30 मिनट इन योगासनों को करें I
FAQ:
- सुबह कितनी देर योग करना चाहिए? आपको 20-30 मिनट रोज़ाना करने चाहिए। यह आपकी शारीरिक और मानसिक ताजगी को बढ़ाएगा।
- कौन से आसन गर्भावस्था के दौरान कर सकते हैं? सीधा-पद्मासन, त्रिकोणासन और भद्रासन गर्भावस्था के लिए उपयुक्त हो सकते हैं।
- क्या पीरियड्स के दौरान योग किया जा सकता है? हाँ, योग अवश्य किया जा सकता है लेकिन ज्यादा तनाव युक्त आसन टालने जरुरी हैं।
- क्या योग करने से वजन काम होता है? हाँ, नियमित रूप से योग करने से महिलाओं का वजन कम हो सकता है। यह शरीर को धीरे-धीरे छोटा करने में मदद करता है।
- कौन से आसन मानसिक चिंता कम करने में सहायक होते हैं? उत्तानासन, वृक्षासन और शवासन मानसिक चिंता को कम करने में मदद करते हैं। ये शरीर को शांति और आत्म-विश्वास देते हें I
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. Health Gurukul इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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