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करो योग रहो निरोग :5  बिमारिओं के लिए योग!

करो योग रहो निरोग :5  बिमारिओं के लिए योग!

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योग, न केवल एक शारीरिक शिक्षा है, बल्कि यह एक आध्यात्मिक अनुभव भी है जो हमें जीवन को सुखमय बनाने  का मार्ग दिखाता है। करो योग, रहो निरोग‘ के नारे के साथ, इस पोस्ट में हम आपको 7 बिमारिओं के लिए योग के आश्चर्यजनक लाभों के बारे में बताएंगे। यह नहीं केवल आपके शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारता है, बल्कि मानसिक स्वस्थता को भी बढ़ावा देता है और आपको एक सकारात्मक जीवन की दिशा में मदद करता है। साथ ही, इस पोस्ट में हम सरल योगाभ्यास की विधियों और सुझावों को साझा करेंगे ताकि आप भी अपने जीवन को स्वस्थ, प्रेरणादायक और पूर्ण तरीके से जी सकें।

करो योग रहो निरोग

योग के द्वारा शरीर के विभिन्न रोगों को रोकने और ठीक करने के उपाय जानना आज के समय में बहुत जरूरी है, क्योंकि योग एक प्राकृतिक, सस्ता, और सुरक्षित उपाय है, जो शरीर, मन, और आत्मा को स्वस्थ और संतुलित रखता है।

योग के द्वारा रोगों का इलाज:

1 .अस्थमा (ASTHMA):

अस्थमा एक श्वसन तंत्र का रोग है, जिसमें श्वसन नलियों में सूजन, जकड़न, और बलगम होता है, जिससे सांस लेने में तकलीफ होती है।अस्थमा के मरीज धुएं,तेज गंध और धूल के प्रति सवेदनशील होते हेंIमोसम के बदलाव के कारण भी अस्थमा बढ़ जाता हे I

 योग के द्वारा आप अपने श्वसन नलियों को खोलने, श्वसन को सुधारने, और तनाव को कम करने में मदद पा सकते हैं।अस्थमा को ठीक करने के लिए हमें करना चाहिए –

  1. भुजंगासन  

भुजंग आसन को करने के लिए सबसे पहले जमीन पर पेट के बल लेट जाएं, हथेलियों को फर्श पर रखें। अपने निचले शरीर को जमीन पर रखें ,साँस भरते हुए छाती को ऊपर उठायें,10 सेकंड रुकें साँस छोड़ते हुए नीचें आयें I 5-10 बार दोहराएँ I

2.पवन मुक्त आसन :पवनमुक्त आसन करने के लिए जमीन पर पीठ के बल लेट जाइये ,अपने घुटनों को छाती पर मोड़ लीजिये ,साँस को छोड़ते हुए नाक को घुटने से TOUCH कीजिये Iइस आसन के द्वारा, आप अपने शरीर से वायु को निकालते हैं, जो आपके श्वसन तंत्र को राहत देता है।

अस्थमा के रोगियों के लिए, पवन मुक्त आसन बहुत फायदेमंद होता है, क्योंकि इससे उनके श्वसन नलियों में जमा बलगम और जकड़न को कम किया जा सकता है। इससे उनके सांस लेने में आसानी होती है, और उनके श्वसन तंत्र की कार्यक्षमता बढ़ती है।

3.नाडी शोधन प्राणायाम :

नाडी शोधन प्राणायाम एक ऐसा योगिक श्वास तकनीक है, जो शरीर के विभिन्न नाड़ियों को शुद्ध और संतुलित करता है। इससे शरीर में प्राण शक्ति का संचार बढ़ता है, जो श्वसन तंत्र को स्वस्थ और सशक्त बनाता है।

अस्थमा के रोगियों के लिए, नाडी शोधन प्राणायाम बहुत फायदेमंद होता है, क्योंकि इससे उनके श्वसन नलियों में जमा बलगम और जकड़न को कम किया जा सकता है। इससे उनके सांस लेने में आसानी होती है, और उनके श्वसन तंत्र की कार्यक्षमता बढ़ती है।

2.मधुमेह (DIABETES:

मधुमेह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें रक्त में ग्लूकोज का स्तर अधिक हो जाता है, जो इंसुलिन हार्मोन की कमी या असरदार न होने के कारण होता है। मधुमेह के लक्षण हैं अधिक प्यास, अधिक मूत्र, भूख, थकान, चक्कर, और घावों का धीरे भरना। योग के द्वारा आप अपने रक्तशर्करा को कम करने, अपने इंसुलिन को बढ़ाने, और अपने शरीर को स्वस्थ रखने में मदद पा सकते हैंI मधुमेह को ठीक करने के लिए हमे करने चाहियें-

1.कपालभाति प्राणायाम :सुखासन ,पमासन या वज्रासन में बेठिये ,कमर और गरदन को सीधी रखिये ,साँस को तेजी से बाहर छोडिये आपका पेट अपने आप अंदर जायेगा I 1 सेकंड  में 1 बार कीजिये ,5-5-5 मिनट कीजिये I इससे पैनक्रियाज के बीटा सेल रि एक्टिवेट हो जाएंगे और इंसुलिन अच्छी प्रकार से बनने लग जाएगा।

2.मंडूक आसन :वज्रासन में बेठिये ,अपना बाया हाड नाभि पर रखिये दायाँ हाथ इसके उपर रखिये ,साँस को बाहर छोड़ते हुए आगे की तरफ झुक जाइये थोड़ी देर रुक कर वापिस आजाइए Iइसे 15-20 बार कीजिये I यह DIABETES को REVERSE करने में सहायता करता हे I

3 . अर्ध मत्सयेंदर आसन :यह आसन भी DIABETES को REVERSE करने में सहायक होता हे Iबाये पैर के उपर से दाये हाथ को लायें और बाये पैर के अंगूठे को पकड़ेंI साँस छोड़ते हुए धड को मोड़ें ,गर्दन को बाये तरफ  मोड़ें और हाथ को जमीं पर टिका लें  ,कुछ देर रुकें और सामान्य रूप से साँस लें फिर दूसरी तरफ से दोहराएँ I

3.ह्रदय रोग (HEARTDISEASE):

हृदय रोग एक सामूहिक शब्द है, जो हृदय और रक्तवाहिनियों के विभिन्न रोगों को दर्शाता है, जैसे कि हृदय दौरा, अन्जाइना, हृदय घात, रक्तवाहिनी में रुकावट , और हृदय कमजोरी। हृदय रोग के मुख्य कारण हैं उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल, मोटापा, धूम्रपान, शराब, तनाव, और अनियमित जीवनशैली। योग के द्वारा आप अपने हृदय को स्वस्थ, सशक्त, और निर्मल रखने, अपने रक्तवाहिनियों को साफ करने, और अपने मन को शांत करने में मदद पा सकते हैं। ह्रदय रोगों के लिए ये योगासन करें-

1.अनुलोम विलोम प्राणायाम :किसी भी आसन में बेठ कर दायें हाथ के अंगूठे से दाए नाक को बंद करें और बाये नाक से सांस लें और दाए नाक से छोड़ दें अब दाए से लें और बाएं से छोड़े I ये ALTERNATE BREATHING 5-5-5 MINUTE करें Iअनुलोम विलोम प्राणायाम ह्रदय के लिए लाभदायक हे क्योंकि इससे BLOOD सर्कुलेशन बढ़ता हे,रक्त वाहिकाएं साफ होती हें और यह ह्रदय को स्वस्थ और ताकतवर बनाता हे Iइससे शरीर में ऑक्सीजन की मात्र बढती हें और HEART को ज्यादा उर्जा मिलती हे Iइससे ह्रदय की धड़कन सामान्य रहती हे और HEART ATTACK व् एंजाइना का खतरा कम होता हे I

2.अधोमुख स्वनासन :

अधोमुख स्वनासन एक ऐसा योगासन है, जो आपके पीठ, कंधे, हाथ, टांग, और पैर को मजबूत और लचीला बनाता है। इस आसन के द्वारा, आप अपने शरीर को एक उल्टे वी के आकार में रखते हैं, और अपने सिर को नीचे की ओर झुकाते हैं। इससे आपके शरीर का रक्त सिर की ओर बहता है, जो आपके मस्तिष्क को ऑक्सीजन और पोषण प्रदान करता है।

इस आसन में हेदय तेजी से धडकता हे ओर BLOOD सर्कुलेशन बढ़ता हे Iइससे रक्तवाहिकाएं साफ हो जाती हें और BP कण्ट्रोल में रहता हे I

3.वीर भद्र आसन (WARRIOR POSE):

पहले एक  चटाई पर ताड़ासन में   खड़े हों जाएँ I

  • अपने  बाएं पैर को अंदर की तरफ मोड़ें और दायें पैर को बाहर की तरफ समकोण पर मोड़ें ।
  • आपके ऊपर के शरीर को सीधा रखें और दोनों हथेलियों को जोड़ कर उपर उठायें ।
  • आँखें आगे की ओर देखें और सांसें धीरे-धीरे लें।
  • इसे 5 बार दोहराएँ I

इस आसन से हृदय की क्षमता में सुधार हो सकता है और यह शारीरिक स्थिति को भी सुधार सकता है। यह मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद कर सकता है, जिससे ह्रदय स्वस्थ और मजबूत बनता हे I

4. HIGH BP (उच्च रक्त चाप ):

उच्च रक्तचाप या हाइपरटेंशन एक ऐसी स्थिति है, जिसमें रक्त का दबाव रक्तवाहिनियों की दीवारों पर अधिक होता है, जो हृदय रोग, स्ट्रोक, गुर्दे की बीमारी, और अन्य समस्याओं का कारण बन सकता है। योग के द्वारा आप अपने रक्तचाप को नियंत्रित करने, अपने रक्तवाहिनियों को शुद्ध करने, और अपने मन को शांत करने में मदद पा सकते हैंI HIGH BP को कंट्रोल करने के लिए हमें करने चाहियें –

1.अनुलोम विलोम प्राणायाम :

इससे रक्त वाहिकाए साफ होती हे ,मन शांत होता हे और BP कंट्रोल में रहता हे I

2.सेतूबंध आसन :

इस आसन में चटाई पर कमर के बल लेट कर पेरो को घुटनों से मोड़ते हें और बीच के शरीर को एस प्रकार उपर उठाते हें कि सेतु (BRIDGE) जेसी आक्रति बन जाती हे Iयह आसन भी HIGH BP को कंट्रोल करता हे I

3.शव आसन :

शवासन योग सेशन के बाद किया जाता है। इसे करने से डीप हीलिंग (deep healing) के साथ ही शरीर को गहराई तक आराम भी मिलता है। इस आसन को तब भी किया जा सकता है जब आप बुरी तरह से थके हों और आपको थोड़ी ही देर में वापस काम पर लौटना होI

शवासन हमे RELAX करता हे और तनाव को मिटाता हे जिससे हमारा BP नियंत्रण में रहता हे I

5.थाइराइड(THYROID):

थायराइड एक गले के आगे की तरफ स्थित एक ग्रंथि है, जो शरीर के विभिन्न क्रियाओं को नियंत्रित करने वाले हार्मोन्स का उत्पादन करती है। थायराइड के दो प्रमुख प्रकार हैं: हाइपरथायराइडिज्म और हाइपोथायराइडिज्म। हाइपरथायराइडिज्म में थायराइड ग्रंथि अधिक हार्मोन्स बनातहै, जो शरीर की गति को तेज करता है। हाइपोथायराइडिज्म में थायराइड ग्रंथि कम हार्मोन्स बनाती है, जो शरीर की गति को धीमा करता हैIइसको ठीक करने के लिए हमे करने चाहियें –

  1. उज्जाई प्राणायाम –किसी भी आसन में बैठ ये गले को अंदर से टाइट कीजिये और सांस को अंदर खींच ये इसके अंदर इसी प्रकार की आवाज आएगी जैसे मधुमक्खी आवाज़ करती है। इस प्राणायाम के करने से थायराइड की कार्यप्रणाली नॉर्मल हो जाती है। और वह ठीक प्रकार से काम करने लग जाती है।
  2. हलासन-हलासन एक योगासन है, जो आपके पीठ, गर्दन, पेट, थायराइड, रक्तचाप, मधुमेह, और अन्य रोगों को ठीक करने और रोकने में मदद करता है। इस आसन को करने के लिए, आपको अपने पैरों को सिर के पीछे लाकर जमीन पर रखना होता है, और अपने हाथों से अपनी कमर को सहारा देना होता है। इससे आपका शरीर एक हल की तरह दिखता है, इसलिए इसका नाम हलासन है।
  3. शीर्षासन(HEAD STAND):शीर्षासन एक ऐसा योग आसन है जिसे आसनों का राजा कहा जाता है। इसका लगातार अभ्यास करने से शरीर के प्रत्येक अंग को लाभ मिलता है और यह हमें शारीरिक और मानसिक दोनों स्तर पर स्वास्थ्य प्रदान करता है।  इस आसन से हमें तनाव, चिंता, सिरदर्द, माइग्रेन, हाई बीपी, थायराइड, अस्थमा सभी बीमारियों में राहत मिलती है ।

सारांश :

इस पोस्ट का संक्षेप रूप में, योग को अपने जीवन में एक महत्वपूर्ण भाग के रूप में शामिल करने का महत्व बताया गया है। “करो योग, रहो निरोग: 5 बीमारियों के लिए योग!” इस नारे के द्वारा स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाई गई है, जिसमें योग के प्रभावी अभ्यास से हम शारीरिक, मानसिक, और आत्मिक स्वास्थ्य को सुरक्षित रख सकते हैं। योग का अभ्यास न केवल बीमारियों से बचाव में मदद करता है, बल्कि इससे हमें जीवन को सकारात्मक दृष्टिकोण से देखने की क्षमता भी मिलती है। इसलिए, सभी से आग्रह है कि हम योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करें और स्वस्थ, संतुलित जीवन की दिशा में कदम बढ़ाएं। “करो योग, रहो निरोग” – यह नहीं केवल एक नारा है, बल्कि एक स्वस्थ जीवनशैली की प्रेरणा भी है।

योग के लाभ जानने के लिए ये विडियो देखें

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READ MORE –Yoga ke Labh:योग के लाभ 

FAQ:

Q1: योग क्या है?
A1: योग मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य के लिए है। इसके माध्यम से मन शांत होता है और शरीर तंदरुस्त रहता है।

Q2: योग के क्या लाभ हैं?
A2: योग से तनाव कम होता है, शारीरिक कठोरता दूर होती है, मेंटल क्लेरिटी बढ़ती है और आत्मविश्वास मजबूत होता है।

Q3: कोई योगासन सीखें?
A3: सर्वांगासन, भुजंगासन, शवासन, त्रिकोणासन आपके लिए फायदेमंद रह सकते हैं। वे शरीर को शक्ति प्रदान करने के साथ-साथ मन को शांति देते हैं।

Q4: क्या हर दिन योग करना चाहिए?
A4: हाँ, हर दिन योग करना चाहिए। नियमित योग अभ्यास से आपका शरीर स्वस्थ रहता है, मन शांत होता है और आप जीवन की ऊर्जा बढ़ाते हैं।

Q5: मुझे कैसे एक स्वस्थ जीवनशैली बनानी चाहिए?
A5: योग के साथ-साथ स्वस्थ आहार, प्राणायाम, निद्रा और सकारात्मक सोच, एक स्वस्थ जीवनशैली का महत्त्वपूर्ण हिस्सा हैं। नियमित व्यायाम, सत्विक भोजन और सामरिक सुख आपके निरोग रहने में मदद करता हे I

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. Health Gurukul इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

Jitender Sharma

Retired Vice Principal Certified Yoga Teacher. M. D. (Acupressure ) Certified Nutrition Counsellor Specialist of Diabetes Reversal

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