JITENDER SHARMA CERTIFIED YOGA TEACHER .MD(ACUPRESSURE)
YOGA FOR CONSTIPATION:कब्ज से छुटकारा योग के द्वारा!
दोस्तों नमस्कार ,RCM GURUKUL पर आपका स्वागत हे Iआजकल कब्ज की बीमारी बढती जा रही हे कारण हे हमारा SEDENTARY लाइफ स्टाइल और FAST FOOD के प्रति बढ़ता मोह Iआज के इस लेख में हम YOGA FOR CONSTIPATION के बारे में बात करेंगे और देखेगे कि कब्ज से छुटकारा योग के द्वारा केसे पाया जा सकता हे I
कब्ज क्या हे ?
इस दुनिया में तीन ही प्राइमरी सुख हैं, जिनमें पहला हैअच्छी भूख लगना दूसरा हे अच्छी नींद आना और तीसरा हे सुबह अच्छी प्रकार पेट साफ हो जाना Iयदि पेट साफ नहीं होता तो हमें कब्ज का सामना करना पड़ता हे.
कब्ज एक आम पाचन समस्या है, जिसमें मल का निकलना मुश्किल और दर्दनाक होता हैI पेट को साफ होने में बहुत समय लगता है, घंटों बैठा रहना पड़ता है।यदि पेट साफ न हो तो सारा दिन आलस्य रहता हे और किसी काम में मन नहीं लगता हे I
एक व्यक्ति को कब्ज का अनुभव होने का मूल कारण एक धीमा पाचन तंत्र है। यदि आपका भोजन आपकी बड़ी आंत में धीरे-धीरे चलता है तो यह बहुत शुष्क और कठोर हो जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि आपकी बड़ी आंत मल से नमी को तब तक अवशोषित करती है जब तक कि वह बाहर नहीं निकल जाता।
इसलिए यदि पाचन तंत्र समय पर मल को बाहर नहीं निकाल पाता है, तो यह सख्त हो जाता हैI जिसके परिणामस्वरूप कब्ज हो जाता है।
कब्ज के कारण
1.कम मात्र में पानी पीना, फाइबर की कमी, अनियमित खाने की आदत, तनाव, आदि।
2.कुछ दवाइयां, जैसे कि दर्द निवारक, एंटासिड, आयरन सप्लीमेंट्स, आदि, जो मल को सूखा और कठोर बना सकती हैं।
3.कुछ बीमारियां, जैसे कि थायराइड की समस्या, मधुमेह, आंतों की सूजन, कोलाई जैसे जीवाणुओं का संक्रमण, आदि, जो पाचन तंत्र को प्रभावित कर सकती हैं।
4.गर्भावस्था, जिसमें हार्मोनल बदलाव और गर्भ का दबाव मलाशय पर कब्ज का कारण बन सकता है।
कब्ज दूर करने के लिए योगासन
कब्ज को दूर करने के लिए, आपको अपने खान-पान और जीवनशैली में कुछ बदलाव करने होंगे। इसके अलावा, आप कुछ योगासन भी कर सकते हैं, जो आपके पाचन तंत्र को स्वस्थ और सक्रिय रखने में मदद करेंगे।
1.पवन मुक्त आसन
पवनमुक्तासन एक योगासन है, जिसमें आप अपने घुटनों को अपनी छाती के पास लाते हैं, और अपने सिर को उठाकर अपने नाक को घुटनों से छूते हुए रखते हैं। इससे आपके पेट की गैस निकलती है, और आपका पाचन तंत्र सुधरता है।
- इससे आपके पेट, कमर, और जांघ की मांसपेशियों को आराम मिलता है।
- इससे आपके आंतों का संकोच होता है, और आपका मलाशय साफ होता है।
- इससे आपके रक्त संचार में सुधार होता है, और आपकी नर्वस सिस्टम को स्टिमुलेट होता है।
- इससे आपका वजन कम होता है, और आपकी रीढ़ की हड्डी में लचीलापन आता है।
- इससे आपको कब्ज, एसिडिटी, गठिया, गर्भाशय सम्बन्धी रोग, और हृदय रोग से राहत मिलती है।
2.वज्रासन –
वज्रासन एक योगासन है, जिसमें आप अपने घुटनों को मोड़कर पैरों पर बैठते हैं, और अपने शरीर का वजन अपने घुटनों पर रखते हैं। इसे डायमंड पोज, थंडरबोल्ट पोज, या वज्र मुद्रा भी कहा जाता है। वज्रासन करने के कई फायदे हैं, जैसे कि:
1.इससे आपका पाचन तंत्र सुधरता है, और आपको कब्ज, एसिडिटी, गैस, और अल्सर से राहत मिलती है।
2.इससे आपके घुटने, जांघ, पैर, कूल्हे, और पीठ की मांसपेशियां मजबूत और लचीली होती हैं।
3.इससे आपके रक्त संचार में सुधार होता हैI
4. इससे आपका वजन कम होता है, और आपकी रीढ़ की हड्डी में लचीलापन आता है।
.खाना खाने के बाद आपको 5-10 मिनट इस आसन में अवश्य बेठने चाहिए I
3.सुप्त वज्रासन –
सुप्तवज्रासन एक योगासन है, जिसमें आप वज्रासन की स्थिति में बैठकर अपने शरीर को पीछे की ओर झुकाते हैं, और अपने सिर को जमीन पर रखते हैं। इसे रिवर्स्ड थंडरबोल्ट पोज, लाइंग डाउन डायमंड पोज, या लाइंग डाउन वज्र मुद्रा भी कहा जाता है। सुप्तवज्रासन करने के कई फायदे हैं, जैसे कि:
- इससे आपका पाचन तंत्र सुधरता है, और आपको कब्ज, एसिडिटी, गैस, और अल्सर से राहत मिलती है।
4.हलासन –
हलासन एक योगासन है, जिसमें आप अपने पैरों को सिर के पीछे लाकर जमीन पर रखते हैं, और अपने शरीर का वजन अपने घुटनों पर रखते हैं। इसे हल की आकृति के कारण हलासन कहते हैं। हलासन करने के दो फायदे हैं:
- इससे आपका पाचन तंत्र सुधरता है, और आपको कब्ज, एसिडिटी, गैस, और अल्सर से राहत मिलती है।
- इससे आपके घुटने, जांघ, पैर, कूल्हे, पीठ, गर्दन, और कंधे की मांसपेशियां मजबूत और लचीली होती हैं।
5.बालासन –
बालासन एक आराम करने वाला योगासन है, जिसमें आप अपने घुटनों के बल झुककर अपने सिर को जमीन पर रखते हैं, और अपने हाथों को आगे की ओर फैलाते हैं। इससे आपका शरीर और मन शांत होता है, और आपका पाचन तंत्र सुधरता है।
बालासन के कब्ज से जुड़े कुछ लाभ हैं:
- इससे आपके पेट की गैस निकलती है, और आपको गैस, एसिडिटी, और अल्सर से राहत मिलती है।
- इससे आपके आंतों का संकोच होता है, और आपका मलाशय साफ होता है।
- इससे आपके पाचन तंत्र को मसाज करके उसे सक्रिय और लचीला बनाता है।
- इससे आपके पेट की चर्बी कम होती है, और आपका वजन नियंत्रित रहता है।
6.सुप्त बद्ध कोणासन
यह एक आराम करनेवाला आसन हे I इस आसन में, आप अपने पैरों को मोड़कर अपने जांघों को जमीन पर रखते हैं, और अपने हाथों को अपने सिर के पीछे रखते हैं। इससे आपके कमर, जांघ, और पेट की मांसपेशियों को आराम मिलता है, और आपका पाचन तंत्र उत्तेजित होता है।इससे आपके पेट की चर्बी कम होती है, और आपका वजन नियंत्रित रहता हैIपेट फूलने और अपच की समस्या में रहत देता हे और बवासीर के दर्द को कम करता हे I
7.कब्ज से मुक्ति देने वाले प्राणायाम
कब्ज के लिए प्राणायाम करना एक अच्छा उपाय है, क्योंकि इससे आपके पाचन तंत्र को सुधार मिलता है, और आपकी आंतों की गतिविधि बढ़ती है। कब्ज के लिए आप निम्नलिखित प्राणायाम कर सकते हैं:
1.कपालभाती प्राणायाम –
इस प्राणायाम में, आप अपनी नाभि को अंदर की ओर खींचते हुए तेजी से सांस बाहर छोड़ते हैं, और फिर धीरे से सांस अंदर लेते हैं। इससे आपके पेट की गैस निकलती है, और आपका पाचन तंत्र मजबूत होता हैI
2. बाह्य प्राणायाम:
इस प्राणायाम में, आप अपनी नाक के दोनों छिद्रों से सांस लेते हैं, और फिर अपनी नाक को बंद करके अपनी सांस को रोक लेते हैं। इस दौरान, आप अपनी नाभि को अंदर की ओर खींचते हैं, और अपने गुदा को ऊपर की ओर उठाते हैं। इससे आपके आंतों का संकोच होता है, और आपका मलाशय साफ होता है।
3. अनुलोम-विलोम प्राणायाम: इस प्राणायाम में, आप अपनी एक नाक को अंगूठे से बंद करके दूसरी नाक से सांस लेते हैं, और फिर दूसरी नाक को तर्जनी से बंद करके पहली नाक से सांस छोड़ते हैं। इससे आपके नासिका के दोनों भाग साफ होते हैं, और आपका पाचन तंत्र बेहतर होता है।
इनके अलावा, आप भ्रामरी, उद्गीथ, शीतली, चंद्रभेदी जैसे अन्य प्राणायाम भी कर सकते हैं, जो कब्ज को दूर करने में फायदेमंद हैंI
योगआसन व् प्राणायाम करने से पहले, आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए:
- योग को खाली पेट ही करें, और खाना खाने के बाद कम से कम 4 घंटे का अंतराल रखें।
- योग को शांत और साफ़ वातावरण में करें, और अपने शरीर को जबरदस्ती न दबाएं।
- योग को धीरे-धीरे और सांस के साथ करें, और अपने शरीर की सीमा का सम्मान करें।
- योग को नियमित रूप से करें, और अपने गुरु की सलाह लें।
- यदि आपको कोई चोट, बीमारी, या गर्भावस्था है, तो योग करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
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- READ MORE –Yoga ke Labh:योग के लाभ
कब्ज से मुक्ति के कुछ अन्य उपाय
1.रोजाना कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं, और तरल पदार्थों, जैसे कि नींबू पानी, छाछ, नारियल पानी, आदि, का सेवन करें।सुबह उठते ही 2-3 गिलास गुनगुना पानी जमीन पर बेठ कर घूंट घूंट करके पियें I
2.फाइबर युक्त आहार, जैसे कि दलिया, ओट्स, अनाज, सब्जियां, फल, सलाद, आदि, खाएं, और मैदे से बने और तले हुए भोजन से बचें।
3.रोजाना व्यायाम, योग, चलना, आदि, करें, और आलस्य और बैठे रहने से बचें।
4.समय-समय पर शौचालय जाएं, और शौच को रोकने की आदत न डालें।
5.चाय, कॉफी, तंबाकू, शराब, आदि, का सेवन कम करें, और तनाव से दूर रहें।
6.कुछ घरेलू नुस्खे, जैसे कि गुड़, इसबगोल, एलोवेरा जूस, नींबू पानी, आदि, का भी उपयोग कर सकते हैं।
निष्कर्ष (onclusionc):
कब्ज से छुटकारा पाने के लिए हमें अपने खाने पिने को बदलना होगा तथा योग ,प्राणायाम और Excercise को अपने जीवन का हिस्सा बनाना होगा !
FAQ:
कब्ज के लिए योगासन क्यों फायदेमंद हैं?
योगासन पेट की मांसपेशियों को मजबूत करते हैं और पाचन तंत्र को उत्तेजित करते हैं, जिससे मल त्याग आसान होता है।
2. कब्ज के लिए कौन से योगासन सबसे अच्छे हैं?
कब्ज के लिए कुछ बेहतरीन योगासनों में शामिल हैं:
- पवनमुक्तासन: यह आसन पेट की गैस को बाहर निकालने और पाचन क्रिया को बेहतर बनाने में मदद करता है।
- हलासन: यह आसन पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है और मल त्याग को आसान बनाता है।
- पदोत्तानासन: यह आसन पेट की चर्बी को कम करने और पाचन क्रिया को बेहतर बनाने में मदद करता है।
- अर्ध मत्स्येंद्रासन: यह आसन पेट की मालिश करता है और पाचन तंत्र को उत्तेजित करता है।
- वज्रासन: यह आसन पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है और पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है।
- सूर्यनमस्कार: यह योगासन पूरे शरीर को गति प्रदान करता है और पाचन तंत्र को भी उत्तेजित करता है।
3. योगासन करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
- योगासन खाली पेट या हल्के भोजन के बाद करें।
- योगासन करते समय धीमी और गहरी सांस लें।
- अपनी क्षमता से अधिक योगासन न करें।
- यदि आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है, तो योगासन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
4. कब्ज से छुटकारा पाने के लिए योगासन के अलावा और क्या करना चाहिए?
- पानी: पर्याप्त मात्रा में पानी पीना कब्ज से बचाव का सबसे अच्छा तरीका है।
- फाइबर: अपने आहार में फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ जैसे फल, सब्जियां और साबुत अनाज शामिल करें।
- नियमित व्यायाम: नियमित व्यायाम पाचन क्रिया को बेहतर बनाने में मदद करता है।
- तनाव: तनाव कब्ज का एक प्रमुख कारण हो सकता है। तनाव कम करने के लिए योग, ध्यान या अन्य विश्राम तकनीकों का अभ्यास करें।
5. कब्ज के लिए योगासन कब तक करना चाहिए?
कब्ज से छुटकारा पाने के लिए योगासन को नियमित रूप से करना चाहिए। प्रतिदिन 15-20 मिनट योगासन करने से आपको लाभ मिलेगा।
अस्वीकरण:
सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. Iयह किसी योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं हैIअधिक जानकारी के लिए किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करेंI
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