भस्त्रिका प्राणायाम के चमत्कारी लाभ :
नमस्ते दोस्तों ,RCM GURUKUL में आपका स्वागत हे Iभस्त्रिका प्राणायाम एक प्रकार का योग है, जिसमें तेजी से और बलपूर्वक साँस लिया और छोड़ा जाता है। इसका नाम भस्त्र शब्द से लिया गया है, जिसका अर्थ है धौंकनी। इसी प्रकार , भस्त्रिका प्राणायाम में साँस को धौंकनी की तरह फूंका जाता है, जिससे शरीर में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ता है और शरीर में गर्मी आ जाती है।
इस ब्लॉग पोस्ट में हम आपको भस्त्रिका प्राणायाम के चमत्कारी लाभ के बारे में बताएंगे। हम आपको यह भी बताएंगे कि भस्त्रिका प्राणायाम करने का सही तरीका क्या है, इसे करने से पहले और करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, और भस्त्रिका प्राणायाम किसे नहीं करना चाहिए ।
अगर आप भी अपने शरीर और मन को स्वस्थ और खुश रखना चाहते हैं, तो इस ब्लॉग पोस्ट को जरूर पढ़ें। आपको भस्त्रिका प्राणायाम के बारे में रोचक और महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी, जो आपके लिए बहुत उपयोगी होगी ।
भस्त्रिका प्राणायाम करने का तरीका:
- सबसे पहले आप पद्मासन, सुखासन,वज्रासन या किसी अन्य आरामदायक आसन में बैठ जाएं। आपकी गर्दन , कमर और सिर सीधा होना चाहिए।
- अब आप अपने दोनों हाथों को घुटनों पर रखें और अपनी आँखें बंद करें।
- फिर आप दोनों नाक के छिद्रों से धीरे-धीरे और गहरी सांस लें।
- अब आप बलपूर्वक और तेजी से साँस को बाहर छोड़ें। इस दौरान आपकी ध्वनि साँप की हिसिंग की तरह होनी चाहिए।
- इसी प्रकार आप बलपूर्वक और तेजी से साँस को अंदर लें।
- इस तरह आप लगातार 10 बार तेजी से साँस लें और छोड़ें। यह एक चक्र होगा।
- 10 बार साँस लेने और छोड़ने के बाद, आप एक बार गहरी सांस लें और उसे रोक लें। यह कुंभक कहलाता है।फिर आप धीरे-धीरे श्वास को छोड़े
- इस प्राणायाम को 4-5 मिनट लगातार करें I
भस्त्रिका प्राणायाम के लाभ:
भस्त्रिका प्राणायाम से हमें बहुत लाभ होते है। यह हमारे शरीर और मन दोनों को लाभ पहुंचा सकता है। इसके फायदे ये हैं —-
1.ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता हे (CONTROL HIGH BP):
भस्त्रिका प्राणायाम के नियमित अभ्यास से हमारा तनाव कम होता हे Iशारीर और दिमाग दोनों को आराम मिलता हे I यह प्राणायाम हमारे ह्रदय ब्लड सर्कुलेशन सिस्टम में सुधार करता हे I यह हमारे बढ़े हुए BP को भी कम करता हे Iयदि आपका ब्लड प्रेशर बढा हुआ हे तो भस्त्रिका प्राणायाम धीरे धीरे करना चाहिए I
2.ह्रदय के स्वास्थ को सुधरता हे (IMPROVE HEART HEALTH):
भस्त्रिका प्राणायाम का नियमित अभ्यास ह्रदय की गति को स्वस्थ बनाता हे I यह तनाव को कम करता हे और HIGH BP को नियंत्रण में रख कर HEART की सेहत को अच्छा बनाता हे Iयदि आपको ह्रदय रोग का कोई भी लक्षण महसूस हो तो तुरंत अपने डॉक्टर को दिखाएँ I
3.ब्लड शुगर को नियंत्रित करता हे (CONTROL BLOOD SUGAR):
भस्त्रिका प्राणायाम ब्लड शुगर के लेवल को कम करने में मदद कर सकता हे Iइसके करने से मेटाबोलिज्म की दर बढ़ जाती हे जिससे इन्सुलिन की कार्य क्षमता बढ़ जाती हे और डायबिटीज के रिवर्स होने की दर भी बढ़ जाती हे I
4.वजन घटाने में सहायक (HELPS IN REDUCING WEIGHT):
भस्त्रिका प्राणायाम फैट को जलाने में मदद करता हे जिससे यह हमारे वजन को कम करने में सहायक होता हे Iज्यादा वजन के कारण हमे कई बिमारिओं का सामना करा पड़ता हे इस प्रकार यह प्राणायाम हमे कई बिमारिओ से बचाता हे Iइस प्राणायाम के करने से बॉडी मास इंडेक्स के सार्थ साथ कमर और कुल्हे का मोटापा भी कम हो जाता हे I
5 .श्वशन प्रणाली में सुधार (IMPROVES RESPIRETORY SYSTEM):
भस्त्रिका प्राणायाम के रेगुलर अभ्यास से फेफड़ों की कार्य क्षमता बढती हे विशेष रूप से बुजुर्ग लोगों के फेफड़ों में अधिक सुधार होता हे Iएक रिसर्च में यह देखा गया कि जब 60-70 साल के बुजर्गों को लगातार भस्त्रिका प्राणायाम करवाया गया तो उनकी फेफड़ों की मांसपेशियों में उल्लेखनीय सुधार हुआ I उनके फेफड़ों की कार्यक्षमता में सुधार हुआ और उनके फेफड़ों में इन्फेक्शन का खतरा भी कम हो गया Iयह प्राणायाम हमारे RESPIRATORY SYSTEM के लिए बहुत लाभदायक होता हे I
6.अस्थमा के लिए फायदेमंद (USEFUL FOR ASTHMA):
अस्थमा में फेफड़ों के सूक्ष्म श्वशन नलिकाओं में रुकावट पैदा हो जाती हे जिससे वायु के अंदर बाहर जाने की क्रिया ठीक प्रकार से नहीं हो पाती और व्यक्ति को साँस लेने में दिक्कत हो जाती हे Iभस्त्रिका प्राणायाम इनको खोल कर साँस लेने के कार्य को सरल बना देता हे I अस्थमा का दूसरा बड़ा कारण तनाव होता हे I इस प्राणायाम के द्वारा हमारा मन शांत हो जाता हे और तनाव खत्म हो जाता हे I
7.एलर्जिक राईनाइटिस से छुटकारा (TREATS ALLERGIC RHINITIS):
एलर्जिक राईनाइटिस के लक्षण होते हें खुजली ,छींक आना ,नाक से पानी बहना ,नाक भरी होना ,अंकों में पानी ,सिरदर्द और पलकें सूज जाना Iभस्त्रिका प्राणायाम लगातार करने से श्वशन की सहनशक्ति बढती हे Iफेफड़ों का विस्तार होता हे Iइससे एलर्जिक राईनाइटिस भी ठीक हो जाता, हे I
8 .चिंता और तनाव से छुटकारा (REMOVES TENSION & STRESS):
हमारे शरीर में होने वाली ज्यादातर बिमारिओ का कारण चिंता और तनाव हे I इन्ही के कारण से HIGH BP,डायबिटीज और थाइरोइड जेसी बिमारिया हमारे शरीर में आती हेंI नियमित रूप से भस्त्रिका प्राणायाम करने से चिंता और तनाव का स्तर काफी कम हो जाता हे I इस प्रकार ये प्राणायाम हमें कई बिमारिओं से बचाता हे I
9.रक्त परिसंचरण में सुधार (IMPROVES BLOOD CIRCULATION):
भस्त्रिका प्राणायाम से फेफड़ों में ज्यादा मात्र में ऑक्जासीजन जाती हे जिससे हमारा खून अच्छी तरह साफ़ हो जाता हे I इस प्राणायाम के करने से ब्लड सर्कुलेशन में सुधर होता हे जिससे शरीर के सभी अंगों को भरपूर मात्रा में ऑक्सीजन मिलती और उनकी कार्यक्षमता बढती हे I यह हमारे शरीर को गर्म रखने में भी सहायता देता हे I
10.जोड़ो के दर्द में सुधार (IMPROVE JOINT PAIN):
भस्त्रिका प्राणायाम को लगातार करने से जोड़ो के दर्द में आराम मिलता हे I यह जोड़ो के दर्द को कम करके गठिया को ठीक करने में सहायता करता हे I
भस्त्रिका प्राणायाम में सावधानियां (PRECAUTIONS IN BHASTRIKA PRANAYAM ):
1.यदि आपको फेफड़ों की बिमारी हो तो भस्त्रिका प्राणायाम सावधानी से करें I
2.यदि आपको ह्रदय सम्बन्धी रोग हें तो यह प्राणायाम धीरे धीरे करें I
3.यदि आपका BP बहुत HIGH हे ,यदि आप गैस्ट्रिक अल्सर ,हर्निया ,स्ट्रोक या मिर्गी से पीड़ित हें तो आपको भस्त्रिका प्राणायाम या तो नहीं करना चाहिये या किसी ट्रेंड योग टीचर की देख रेख में करना चाहिए I
4.भस्त्रिका प्राणायाम बहुत ज्यादा तेजी से नहीं करना चाहिए I इसे हमेशा खाली पेट या खाना खाने के 3-4 घंटे बाद करना चाहिए I
भस्त्रिका प्राणायाम का विडियो:
निष्कर्ष (CONCLUSION):
इस ब्लॉग पोस्ट के माध्यम से हमने देखा कि भस्त्रिका प्राणायाम एक अद्वितीय और चमत्कारी प्राणायाम है। यह आत्मा को नई ऊर्जा और शक्ति प्रदान करने के साथ-साथ शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को भी सुधारने में सहारा प्रदान करता है। भस्त्रिका प्राणायाम न केवल हमें तनाव से मुक्ति दिलाता है, बल्कि यह उत्साह भी प्रदान करता है। इसे नियमित रूप से अपनाकर हम अपने जीवन को सकारात्मक दिशा में बदल सकते हैं और स्वस्थ जीवन का आनंद उठा सकते हैं। इसलिए, आइए हम भस्त्रिका प्राणायाम के चमत्कारी लाभों को समझकर इसे अपने दिनचर्या में शामिल करें और स्वस्थ, खुशहाल जीवन की ओर कदम बढ़ाएं।
योग के लाभ जानने के लिए ये विडियो देखें
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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. Health Gurukul इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है
FAQ:
- भस्त्रिका प्राणायाम क्या है और इसे कैसे किया जाता है?
भस्त्रिका प्राणायाम एक श्वास-प्रश्वास व्यायाम है जो नाक से किया जाता है। इसमें आपको नाक से साँस लेना और छोड़ना होता है।
- भस्त्रिका प्राणायाम के क्या लाभ हैं और कैसे मिलते हैं?
भस्त्रिका प्राणायाम करने से श्वासनली मजबूत होती है और सिरदर्द और तनाव कम होते हैं। यह प्राण वायु को संतुलित करके मानसिक स्थिति को भी सुधारता है।
- क्या भस्त्रिका प्राणायाम रोगों को ठीक कर सकता है?
भस्त्रिका प्राणायाम से दिमाग की क्षमता बढ़ती है और शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है, जो रोगों को ठीक करने में मदद करता है। यह साँस विकारों के इलाज के लिए भी उपयोगी है।
- भस्त्रिका प्राणायाम कितनी बार और कितनी देर तक किया जाना चाहिए?
प्रारंभ में, आपको रोज़ाना 2-3 मिनट तक भस्त्रिका प्राणायाम करना चाहिए। समय बीतने पर, आप इसे 5-10 मिनट तक बढ़ा सकते हैं। लेकिन इसे अधिकतम 15-20 मिनट तक न करें।
- क्या कोई भी व्यक्ति भस्त्रिका प्राणायाम कर सकता है?
जी हाँ, लेकिन बारीकियों को ध्यान में रखकर, कोई भी व्यक्ति भस्त्रिका प्राणायाम कर सकता है। लेकिन यदि आपको HIGH BP,ह्रदय रोग ,फेफड़ों के रोग आदि हों तो आपको ये प्राणायाम धीरे धीरे किसी TRAINED योग टीचर की देख रेख में करना चाहिए I
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