इंटरमिटेंट फास्टिंग: वजन घटाने का जादुई तरीका!
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दोस्तों, आज हर व्यक्ति किसी न किसी बिमारी से पीड़ित है और दवाईयां उसके जीवन का अभिन्न अंग बन गया है। हम स्वस्थ रहने के लिए बहुत कुछ करते हैं। आज मैं आपको एक ऐसा तरीका बता रहा हूँ जिससे आप अपने आप को पूर्ण रूप से निरोग रख सकते हैं केवल खाने के समय को कंट्रोल करकेI इस तरीके का नाम है इंटरमिटेंट फास्टिंग।
यह उपवास हमें निरोग रखता है। टॉक्सिन्स को बाहर निकालता हैI पाचन प्रणाली को मजबूत बनाता है। इससे पेट में खाना सड़ता नहीं बल्कि पचता है।आज के लेख में हम जानेगे कि इंटरमिटेंट फास्टिंग केसे किया जाता हे Iयह कितनी प्रकार का होता हे Iइसके लाभ क्या हें Iइसमें हमे क्या सावधानियां रखनी चाहिए I किसे यह करना चाहिए और किसे नहीं I
आंशिक उपवास में दिन को 2 भागों में बांटा जाता हे Iएक 8 घंटे का भाग जिसमें हम खाना खाते हें और दूसरा 16घंटे का भाग जिसमें हम खाना नहीं खाते, भूखे रहते हे Iयह तरीका हमें स्वस्थ रखने का काम करता हे Iसवाल यह हे कि भूखा रह कर केसे निरोग रहा जा सकता हे ?
इंटरमिटेंट फास्टिंग केसे बिमारिओं से बचाता हे ?
हमारे शरीर में भगवान ने एक ताकत दी है कि वो बीमारियों को अपने आप ठीक कर सकता है I यदि हमें हाथ या पांव में फ्रैक्चर हो जाता है, उस समय डॉक्टर केवल उसके ऊपर प्लास्टर बांधता हैI जिससे वह हिले नहीं, जोड़ने का काम अपने आप प्राकृतिक तरीके से शरीर करता है। लेकिन शरीर ऐसा तभी कर सकता हे जब वह फ्री हो I खाना खाते ही शरीर की सारी ताकत उस खाने को पचाने में लग जाती है और हीलिंग नहीं कर पाताI
भोजन पचने में समय लगता है, लेकिन हम पहले वाला भोजन पचने से पहले ही और खा लेते है। जिससे शरीर की सारी ताकत केवल भोजन को पचाने में लगी रहती है Iशरीर हीलिंग नहीं कर पाता।ज्यों ही खाना हमारे पेट में जाता हे बहुत से अंग एक्टिव हो जाते हे I वे भोजन को पचाने में लग जाते हें Iहमारे पेट में हाइड्रोक्लोरिक एसिड निकलता हे ,आंतो में कई प्रकार के पाचक रस निकलते हें ,लीवर भी पाचन में सहायता करता हे और पन्क्रिआस इन्सुलिन निकलता हे जिससे ब्लड शुगर कंट्रोल होती हे I
इस प्रकार भोजन पेट में जाते ही सारे अंग अपने अपने काम में लग जाते हैं। इस शरीर की सारी ताकत भोजन को पचाने में लग जाती है I इतनी ताकत बचती ही नहीं कि शरीर हमारी रक्षा बीमारियों से कर सके। इसलिए आवश्यक है कि हमारा पेट कुछ समय खाली रहें, जिससे शरीर की ताकत शरीर की मरम्मत कर सकेI आने वाली बिमारिओ से हमारी रक्षा कर सके Iइंटरमिटेंट फास्टिंग के द्वारा यही काम किया जाता हे I
लकडहारे की कहानी और इंटरमिटेंट फास्टिंग :
एक लकड़हारा जंगल में अपनी कुल्हाड़ी की सहायता से लकड़ियां काटने का काम करता है। वह एक घंटा तक लकड़ियाँ काटता हे और फिर थोडा आराम करता हे I आराम के दोरान वह अपनी कुल्हाड़ी की धार तेज करता हे I इस प्रकार वह ज्यादा लकड़ियाँ काट पाता हे I
यदि वह लगातार लकड़ियाँ काटता रहे तो उसकी काम करने की गति कम हो जायेगीI एक समय एसा आएगा कि वह लकडिया काट ही नहीं पायेगा I हमारे शरीर के साथ भी ऐसा ही होता है। वो केवल पाचन में ही लगा रहता हैI
एक ऐसा समय आता है जब हमारा पाचन भी ठीक प्रकार से नहीं हो पाता। इस अवस्था में हम बीमार हो जाते हैं।इंटरमिटेंट फास्टिंग के द्वारा इस समस्या का हल किया जा सकता हे I
इंटरमिटेंट फास्टिंग करने का तरीका :
इंटरमिटेंट फास्टिंग तीन प्रकार से किया जा सकता है। पहला है 16 /8 मैथड दूसरा है 5:2 डाइटऔर तीसरा हे आल्टरनेट डे फास्टिंग
16/8 मैथड:
16/8 मैथड में 8 घंटे के दोरान खाना खाते हें और 16 घंटे भूखे रहते हें I 8 घंटे में ही हमें नास्ता ,लंच और डिनर करना होता हे I16 घंटे खाना ना खा कर शरीर को आराम देना होता हे I इस समय हम केवल चाय ,काफी या निम्बू पानी ले सकते हें I 8 घंटे में भी हमे ठूस ठूस कर नहीं खाना होता Iहमारे शरीर की आवश्यकता से कम कैलोरी लेनी हें Iइस तरीके से वजन कम होता हे I
5:2 मैथड :
इस तरीके में सप्ताह में 5 दिन सामान्य खाना खाना हे और 2 दिन उपवास करना हे I 5 दिन अपनी पसंद का खाना खाना हे और 2 दिन के उपवास में आपको सब्जी ,दूध और दलिया लेना हेIआप को केवल 500-600कैलोरी वाला भोजन ही लेना हे Iआपको 2 दिन का उपवास लगातार नहीं करना हे Iइस तरीके से मेटाबोलिज्म तेज होता हे और वजन भी घटता हे I
आल्टरनेट डे फास्टिंग :
इस तरीके में एक दिन खाना खाते हें और दुसरे दिन उपवास किया जाता हे I एक दिन सामान्य भोजन लिया जाता हे और दुसरे दिन 500 क्लोरी तक का भोजन ही लेना हे Iइस प्रकार का प्रोग्राम एक महीने या ज्यादा समय तक किया जा सकता हे Iइस तरीके से भूख कंट्रोल करने की आदत होती हे और वजन भी घटता हे
इंटरमिटेंट फास्टिंग करने के लाभ :
इंटरमिटेंट फास्टिंग करने से हमें शरीर के हर क्षेत्र में लाभ होते हें I
1 .वजन घटाने के लिए :
इंटरमिटेंट फास्टिंग करने से हम वजन कम करने में सहायता मिलती हे Iइस के द्वारा पेट की चर्बी को कम किया जा सकता हे Iजब हम 16 घंटे तक भोजन नहीं करते तो हमारा शरीर जमा फट को जला कर उर्जा प्राप्त करता हे Iइससे हमारा वजन कम हो जाता हे I
2 .ब्लड सुगर लेवल को कम करना :
इंटरमिटेंट फास्टिंग ब्लड शुगर के लेवल को कम करता हे और इन्सुलिन के प्रतिरोध को कम करता हे Iइससे उन लोगों को लाभ होता हे जो Prediabetic हें Iहमारे देश में इनकी संख्या बहत ज्यादा हे Iइस प्रकार इंटरमिटेंट फास्टिंग से टाइप 2 डायबिटीज से बचाव होता हे I
3.हार्ट की अच्छी सेहत (Better Heart Health):
इंटरमिटेंट फास्टिंग से बुरा कोलेस्ट्रॉल LDL कम होता हे और अच्छा कोलेस्ट्रॉल HDL बढ़ता हेI ट्राईगलिशराइड को शरीर उर्जा बनाने में इस्तेमाल कर लेते हे Iइस प्रकार इससे ह्रदय रोग पैदा करनेवाले वाले सभी कारक कम हो जातेहें और हमारा ह्रदय स्वस्थ रहता हे I
4 .केंसर को रोकना :
यह उपवास केंसर की कोशिकाओं के प्रसार को कम करता हे I ट्यूमर के विकाश को रोकता हे इस प्रकार यह केंसर के खतरे को कम करता हे I
5 .ब्रेन स्वास्थ को बढ़ावा :
यह आंशिक उपवास तंत्रिका कोशिकाओं के विकाश में मदद करता हे Iब्रेन की कार्य प्रणाली को एक्टिव बनाने में सहायता करता हे Iयह अल्जाइमर जेसी बीमारियों से भी हमे बचा सकता हे I
6 .लम्बी उम्र देने वाला :
इस उपवास से एजिंग इफ़ेक्ट कम हो जाता हे Iव्यक्ति जल्दी बुढा नहीं होता I लम्बे समय तक निरोग जिन्दगी जीता हे I
इस प्रकार इंटरमिटेंट फास्टिंग से हम स्वस्थ रह सकते हें और साथ में हम किसी भी बीमारी से छुटकारा पा सकते हें चाहे शुगर हो ,HIGH BP हो ,कोलेस्ट्रॉल बढ़ा हो या ह्रदय का कोई रोग हो I
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INTERMITTENT FASTING VIDEO:
https://youtu.be/3eca–eX7-8
सावधानियां :
1 .इंटरमिटेंट फास्टिंग करते समय पानी,निम्बू पानी ,हर्बल टी या काफी और कैलोरी मुक्त ड्रिंक्स पिते रहना चाहिए I डिहाइड्रेशन नहीं होना चाहिए I
2.आपको अपने भोजन में प्रोटीन ,फाइबर ,विटामिन और मिनरल एवं अन्य पोषक पदार्थ शामिल करने चाहियें I
3.इंटरमिटेंट फास्टिंग के साथ आपको नियमित व्यायाम और योग व् प्राणायाम भी करना चाहिए I
4.आपको तनाव से दूर रहना हे I6-8 घंटे की नींद भी लेनी हे I
5 .भोजन में फल ,सब्जियां ,सलाद और मोटे अनाज जेसे ज्वर ,बाजरा और रागी शामिल करने हें I
6 .खाने के समय फ़ास्ट फ़ूड,परांठे और मिठाई आदि से परहेज रखना हे I
7 .एकदम 16 घंटे से शुरू नहीं करना 12 घंटे से शुरू करके धीरे धीरे समय बढ़ाना हे I
किसे नहीं करना:
1 .गर्भवती महिलाओं को यह उपवास नहीं करना चाहिए I
2 .दूध पिलाने वाली माताओं को यह उपवास नहीं करना चाहिए I
3 .यदि कोई व्यक्ति बहुत कमजोर हे उसे भी नहीं करना चाहिए I
निष्कर्ष (CONCLUSION):
इस ब्लॉग पोस्ट में हमने इंटरमिटेंट फास्टिंग के महत्व को जानने का प्रयास किया। इसके माध्यम से वजन घटाने के उपायों में एक नया दिशा दिया जा सकता है। इंटरमिटेंट फास्टिंग विधि का प्रयोग करके न केवल वजन कम किया जा सकता है, बल्कि स्वास्थ्य को भी सुधारा जा सकता है। यह एक सामग्री और अभ्यास की शक्ति होती है जो हमें अपने शरीर और मन को स्वस्थ रखने के लिए जागरूक करती है। इंटरमिटेंट फास्टिंग के फायदों को समझकर, यह संभव है कि इसे अपने जीवन में शामिल किया जाए और स्वस्थ जीवन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया जाए।
FAQ:
Question 1: इंटरमिटेंट फास्टिंग क्या है और इसके क्या लाभ हैं?
Answer 1: इंटरमिटेंट फास्टिंग वजन को कम करने और स्वास्थ्य को सुधारने के लिए एक आहार प्रणाली है जिसमें आप खाने के समय नियंत्रित भुजन करते हैं और थोड़े एकांत में मध्य भोजन को छोड़ते हैं।
Question 2: इंटरमिटेंट फास्टिंग से वजन कम हो सकता है क्या?
Answer 2: हां, इंटरमिटेंट फास्टिंग से वजन को कम किया जा सकता है। इसके द्वारा आपकी कैलोरी संयंत्रण में कमी होती है जो आपको फास्ट वजन घटाने में मदद करती है।
Question 3: कौनसे तरीके इंटरमिटेंट फास्टिंग के प्रमुख हैं?
Answer 3: इंटरमिटेंट फास्टिंग के प्रमुख तरीके हैं 16:8 (रोज 16 घंटे उपवास, और 8 घंटे खाने का समय), 5:2 (हर हफ्ते 2 दिन उपवास करना), और तीन महीने तक 24 घंटे के उपवास (एक महीने में एक बार)।
Question 4: क्या इंटरमिटेंट फास्टिंग स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है?
Answer 4: इंटरमिटेंट फास्टिंग स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है अगर इसे ठीक से नहीं किया जाता है या जरूरत से अधिक समय तक किया जाता है। यदि आप किसी चिकित्सक से सलाह नहीं लेते हैं, तो यह दिगुप्त रोगों और परेशानियों का कारण बन सकता है।
Question 5:इंटरमिटेंट फास्टिंग किसे नहीं करना चाहिए ?
Answer: गर्भवती महिलाओ को ,दूध पिलाने वाली माताओ को और कमजोर व्यक्तिओं को इंटरमिटेंट फास्टिंगn नहीं करना चाहिए I
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