रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity)बढाने के आसान उपाय!
By-Jitender Sharma.
(Jitender Sharma is a certified yoga teacher and MD in acupressure. He has 18 YRS years of experience in these fields).
दोस्तों नमस्कार !RCM GURUKUL में आपका स्वागत है !
क्या मौसम बदलते ही आप बीमार पड़ जाते हैं?
क्या सर्दियों में सर्दी-जुकाम और बुखार होना एक आम बात हो गई है?
अगर हां, तो आप अकेले नहीं हैं। मौसम बदलने पर बहुत से लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर पड़ जाती है, जिससे वे आसानी से बीमार पड़ जाते हैं।
लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है! कुछ आसान से उपायों को अपनाकर आप अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत कर सकते हैं और स्वस्थ रह सकते हैं। इस लेख में हम आपको रोग प्रतिरोधक बढ़ने के आसान उपाय बताएँगे .
रोग प्रतिरोधक क्षमता क्या है ?
रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) हमारे शरीर की यह शक्ति है जो हमें बीमारियों से बचाती है। मजबूत प्रतिरोधक क्षमता हमें बीमारियों से लड़ने और स्वस्थ रहने में मदद करती है। Covid 19 के बाद हर व्यक्ति Immunity का महत्व समझने लगा है .
रोग प्रतिरोधक क्षमता का काम :
- इससे शरीर को वायरस, खतरनाक जीवाणु व्अन्य रोगाणुओं से लड़ने में मदद करती है।
- यह क्षमता हमें सर्दी, फ्लू, और अन्य बीमारियों से बचाव में मदद करती है।
- यह क्षमता हमें स्वस्थ रहने और बीमारियों से दूर रहने में मदद करती है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता के मुख्य घटक :
रोग प्रतिरोधक क्षमता हमारे शरीर की एक जटिल प्रणाली है। यह कई तरह की कोशिकाओं, ऊतकों और अंगों से मिलकर बनी होती है।
- श्वेत रक्त कोशिकाएं: ये कोशिकाएं हमारे शरीर को Infection से लड़ने में मदद करती हैं।
- एंटीबॉडी: ये प्रोटीन होते हैं जो रोगाणुओं (Germs)को पहचानते हैं और उन्हें नष्ट करते हैं।
- टी-कोशिकाएं: ये कोशिकाएं संक्रमित कोशिकाओं को नष्ट करती हैं।
- मैक्रोफेज: ये कोशिकाएं मृत कोशिकाओं और मलबे को हटाती हैं।
रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमजोरी के लक्षण:
- बार-बार बीमार होना: यदि रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो तो आप बार-बार बीमार होते हैं.
- थकान: थकान रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने का संकेत हो सकता है।
- धीमी गति से घाव भरना: यदि आपके घाव धीमी गति से भरते हैं, तो यह रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने का संकेत हो सकता है।
- एलर्जी: यदि आपको एलर्जी है, तो यह रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने का संकेत हो सकता है
रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity)बढाने के आसान उपाय:
1. स्वस्थ ओर् पोषक आहार:
- फल और सब्जियां: विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर फल और सब्जियां रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हमें आमला ,अमरुद ,सेव ,खरबूजा ,पालक ,ब्रोकली ,गाजर और टमाटर को अपने भोजन में शामिल करना चाहिए .
- साबुत अनाज: साबुत अनाज फाइबर का अच्छा स्रोत हैं, जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
- दही: दही में मौजूद प्रोबायोटिक्स रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करते हैं।
- मछली: मछली में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करते हैं।
- बादाम: बादाम विटामिन ई और सेलेनियम का अच्छा स्रोत हैं, जो रोग प्रतिरोधक ताकत को बढ़ाने में मदद करते हैं।
2 .भरपूर मात्रा में पानी :
- पानी शरीर को हाइड्रेटेड रखता है।
- पानी शरीर से जहरीले पदार्थों (toxins) को बाहर निकालने में मदद करता है।
- पानी रोग प्रतिरोधक शक्ति को मजबूत बनाता है।
3 . .व्यायाम (EXERCISE):
- हमें 30 मिनट वाकिंग ,जिम दौड़ लगाना आदि में और 30 मिनट योग ,प्राणायाम में लगाना चाहिए .
- नियमित व्यायाम रोग प्रतिरोधक ताकत को बढ़ाने में मदद करता है।
- व्यायाम शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है, जिससे रोग प्रतिरोधक कोशिकाएं तेजी से काम करती हैं।
- व्यायाम तनाव को कम करता है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम कर सकता है.
4 . पर्याप्त नींद(ENOUGH SLEEP):
- पर्याप्त नींद स्वस्थ के लिए महत्वपूर्ण है।
- नींद के दौरान शरीर रोग प्रतिरोधक कोशिकाओं का उत्पादन करता है।
- नींद की कमी रोग प्रतिरोधक शक्ति को कम कर सकती है।
- नींद की कमी से तनाव और चिडचिडापन बढ़ता है .
- अच्छी नींद के लिए प्रतिदिन व्यायाम करें .
5 .तनाव से छुटकारा :
- तनाव रोग बिमारिओं से लड़ने की ताकत को कम कर सकता है।
- व्यायाम ,योगासन और प्राणायाम से तनाव को कम किया जा सकता है.
- ध्यान ( MEDITATION) तनाव दूर करने का सबसे अच्छा साधन है .
- तनाव दूर होने से हमारी बिमारियों से लड़ने की क्षमता बढती है .
6 .धूम्रपान न करें(NO SMOKING):
- सिगरेट का धुआं फेफड़ों में जमा होकर ब्लोकेज पैदा करता है .
- धूम्रपान करने से श्वसन तंत्र कमजोर होता है, जिससे बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.
- धूम्रपान शरीर में कई प्रकार की बीमारियाँ पैदा करता है।
- इससे शरीर में ऑक्सीजन का लेवल कम हो जाता है .
7 .शराब का सेवन ना करें(NO DRINKING):
- शराब का सेवन रोग प्रतिरोधक शक्ति को कम कर सकता है।
- शराब का सेवन शरीर को कमजोर बनाता है, जिससे बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है .
- इससे लीवर कमजोर होता है .
- शराब अधिक पीने से विटामिन B की कमी हो जाती है जिससे कई बिमारियां हो जाती हैं .
- इससे खून में वसा का लेवल बढ़ जाता है जो हार्ट अटैक का कारण बनता है .
8 .हाथ धोएं:
- बार-बार हाथ धोने से बीमारियों से बचाव होता है।
- हाथ धोने से रोगाणुओं का प्रसार कम होता है।
- इससे हम INFECTION से बच सकते हैं .
9 .टीकाकरण:
- टीकाकरण से बीमारियों से बचाव होता है।
- टीकाकरण रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता
10 .सकारात्मक सोच रखें:
- सकारात्मक सोच तनाव को कम करती है।
- सकारात्मक सोच रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाती है।
इन आसान उपायों को अपनाकर आप अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बना सकते हैं और स्वस्थ रह सकते हैं।
निष्कर्ष (CONCLUSION):
यह हमारे शरीर की रक्षा बीमारियों से करती है।
इस ब्लॉग पोस्ट में हमने रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के कुछ आसान उपायों के बारे में जाना।
इन उपायों को अपनाकर आप अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बना सकते हैं और स्वस्थ रह सकते हैं:
- स्वस्थ आहार: फल, सब्जियां, साबुत अनाज, दही, मछली, और बादाम का सेवन करें।
- नियमित व्यायाम: व्यायाम रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है।
- पर्याप्त नींद: पर्याप्त नींद रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए महत्वपूर्ण है।
- तनाव कम करें: योग, ध्यान, और गहरी सांस लेने जैसी तकनीकों का उपयोग करके तनाव को कम करें।
- धूम्रपान न करें: धूम्रपान रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम कर सकता है।
- शराब का सेवन कम करें: शराब का सेवन रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम कर सकता है।
- बार-बार हाथ धोएं: हाथ धोने से बीमारियों से बचाव होता है।
- टीकाकरण: टीकाकरण से बीमारियों से बचाव होता है।
- पर्याप्त पानी पीएं: पानी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है।
- सकारात्मक सोच रखें: सकारात्मक सोच रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाती है।
इन उपायों को अपनाकर आप एक स्वस्थ और खुशहाल जीवन जी सकते हैं।
यह भी ध्यान रखें कि यदि आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है, तो डॉक्टर से सलाह लेना महत्वपूर्ण है।
FAQ:
अस्वीकरण:
सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. Iयह किसी योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं हैIअधिक जानकारी के लिए किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करेंI
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