बवासीर का रामबाण इलाज: बवासीर के कारण, लक्षण, और घरेलू उपायों की पूरी जानकारी!
नमस्ते दोस्तों ,RCM GURUKUL पर आपका स्वागत हे ! बवासीर, जिसे Pilesया Hemorrhoid भी कहा जाता है, एक ऐसी समस्या है जिससे बहुत से लोग परेशान रहते हैं। यह एक गंभीर बीमारी है जो गुदा क्षेत्र में होती है I
इस ब्लॉग पोस्ट में, हम बवासीर का रामबाण इलाज: बवासीर के कारण, लक्षण, और घरेलू उपायों की पूरी जानकारी प्राप्त करेंगे ! हैं। इसके साथ ही, हम आपको बताएंगे कि यह क्या है, इसके लक्षण क्या हैं, इसके कारण क्या हैं, और इसका उपचार कैसे किया जा सकता है।
मैं आपको योग और लाइफ स्टाइल के कुछ आसान और प्रभावी टिप्स भी दूंगा, जिनसे आप बवासीर से बच सकते हैं या इसके लक्षणों को कम कर सकते हैं। तो चलिए शुरू करते हैं।
बवासीर क्या हे:
बवासीर (Piles) एक ऐसी स्थिति है, जिसमें गुदा या मलाशय के आसपास की नसों में सूजन और दर्द होता है। यह नसें रक्त को ले जाने और लाने का काम करती हैं। जब इन नसों पर अधिक दबाव पड़ता है, तो यह फूल जाती हैं और बवासीर का रूप लेती हें I
बवासीर के दो प्रकार होते हैं: आन्तरिक बवासीर और बाहरी बवासीर। आंतरिक बवासीर वे होते हैं, जो गुदा के अंदर होते हैं। ये आमतौर पर दर्दनाक नहीं होते, लेकिन मल त्याग करते समय खून बहने का कारण बन सकते हैं। बाहरी बवासीर वे होते हैं, जो गुदा के बाहर होते हैं। ये अक्सर दर्दनाक और खुजलीदार होते हैं, और कभी-कभी रक्त के थक्के (थ्रोम्बस) का रूप ले सकते हैं।
बवासीर के लक्षण क्या हैं:
बवासीर के कुछ आम लक्षण निम्नलिखित हैं-
- गुदा से लाल या गाढ़ा रक्त बहना, खासकर मल त्याग करते समय।
- गुदा के आसपास एक या अधिक गांठें या उभार महसूस होना।
- गुदा में दर्द, जलन, खुजली, या असहजता होना।
- मल त्याग करते समय या बाद में गुदा में दबाव या भारीपन महसूस होना।
- मल में बलगम या चिपचिपा पदार्थ होना।
बवासीर के कारण क्या हैं:
बवासीर के कुछ आम कारण निम्नलिखित हैं
- कब्ज: कब्ज से मल कठोर हो जाता है, जिससे मल त्याग करते समय गुदा पर अधिक दबाव पड़ता है। यह गुदा की नसों को फूलने और बवासीर का रूप लेने का मुख्य कारण है।
- अत्यधिक बैठना: अगर आप लंबे समय तक बैठे रहते हैं, तो आपके गुदा पर अधिक दबाव आता है, जो बवासीर को बढ़ावा देता है। इसलिए, आपको हर घंटे उठकर चलना या खड़ा होना चाहिए।
- गर्भावस्था: गर्भावस्था में, गर्भाशय का आकार बढ़ता है, जो नीचे की नसों पर दबाव डालता है। इसके अलावा, गर्भावस्था में हार्मोनल परिवर्तन भी होते हैं, जो कब्ज को जन्म देते हैं।
- अत्यधिक वजन: अगर आपका वजन अधिक है, तो आपके गुदा के आसपास की चर्बी भी अधिक होगी, जो गुदा की नसों पर दबाव बनाती है। इससे बवासीर की संभावना बढ़ जाती है।
- अनियमित खान-पान: अगर आप अनियमित खान-पान करते हैं, तो आपको कब्ज, दस्त, गैस, आदि की समस्या हो सकती है, जो बवासीर को प्रभावित करती है। इसलिए, आपको संतुलित और पौष्टिक आहार लेना चाहिए, जिसमें फाइबर, पानी, फल, सब्जियां, आदि शामिल हों।
ये थे बवासीर के कुछ आम कारण। अगर आप इनसे बचना चाहते हैं, तो आपको अपने जीवनशैली में कुछ बदलाव करने होंगे, जैसे कि नियमित व्यायाम, सही आहार, समय-समय पर डॉक्टर की जांच, आदि। इसके अलावा, आप योग का भी लाभ उठा सकते हैं, जो आपको बवासीर से राहत दिलाने में मदद करेगा।
बवासीर का रामबाण इलाज योग :
बवासीर के लिए योग भी एक प्रभावी उपाय है, जो रक्त संचार को बेहतर करता है, तनाव को कम करता है, और गुदा की नसों को शांत करता है। बवासीर के लिए कुछ योगासन हैं:
1.वज्रासन :
वज्रासन करने के लिए जमीन पर घुटनों के बल बेठ जाएँ ,आपके पंजे अंदर की तरफ और एडी बाहर की तरफ होनी चाहिए ,नितम्बों को पेरों के तलवो पर टिकाइए Iहाथो को घुटनों पर टिकाइए I कमर और गर्दन सीधी होनी चाहिए Iअपना ध्यान सांसों पर रखिये I 5 मिनट से शुरू करके धीरे धीरे इसका समय बढ़ा सकते हो I यह योगासन आंतो को मजबूत बनाता हे और मलाशय को साफ करता हे I खाना खाने बाद वज्रासन अवश्य करना चाहिए I
2 .पवन मुक्त आसन :
इस आसन को करना की लिए पीठ के बल लेट जाइए ,दोनों पेरो को सीधा रखिये ,घुटनों को मोड़ कर छाती की तरफ ले आइये और अपने हाथों से इन्हें पकड़ लीजिये I साँस को बाहर छोड़ कर अपने नाक को घुटनों से TOUCH कीजिये,कुछ देर रुक कर वापिस आ जाइए Iइसे एक एक पैर से भी कर सकते हो I
पवन मुक्त आसन हमारे पेट से गैस को निकालता हे और ,हमारी आंतों को साफ करता हे I
3.पश्चिमोत्तानासन:
- इस आसन को करने के लिए फर्श पर बैठ जाएं, और अपने दोनों पैरों को सीधा रखें। आपके पैरों के बीच कोई अंतर नहीं होना चाहिए।
- अपने हाथों को ऊपर की ओर उठाएं, और अपने पैरों की ओर झुकें। अपने हाथों को जितना हो सके अपने पैरों के पास लाएं, और अपनी उंगलियों से अपने पैरों के अंगूठे को पकड़ें।
- अपने पेट को अपने जांघों के ऊपर रखें, और अपने सिर को अपने घुटनों के बीच लाएं। अपनी आँखें बंद करें, और अपनी सांसों पर ध्यान दें।
- इस अवस्था में कम से कम 10 सेकंड तक रुकें, और फिर धीरे-धीरे अपने शरीर को वापस ले जाएं।
- इस योगासन को दिन में दो या तीन बार करें, और अपनी क्षमता के अनुसार इसका समय बढ़ाएं।
पश्चिमोत्तानासन के लाभ :
- यह आपके पीठ, पैर, और पेट की मांसपेशियों को ताकत देता है, और उन्हें लचीला बनाता है।
- यह आपके रक्त संचार को बेहतर करता है, और आपके आंतों को साफ करता है।
- यह आपके पाचन, और यौन समस्याओं को दूर करता है, और आपको तनाव से मुक्त करता है।
4.भुजंगासन:
यह योगासन हमारे पेट, पीठ, और गर्दन को RELAX करता है, और हमारे रक्त संचार को बेहतर करता है। इस योगासन को करने के लिए, हमें फर्श पर पेट के बल लेट जाना है, और अपने हाथों को अपने सीने के नीचे रखना है। अब हमें अपने हाथों की मदद से अपने शरीर को ऊपर उठाना है, और अपने सिर को पीछे की ओर मोड़ना है। इस अवस्था में हमें कुछ देर तक रुकना है, और फिर अपने शरीर को वापस ले जाना है।
5.कपाल भाति प्राणायाम :
आपको एक शांत और हवादार जगह पर बैठना चाहिए, और अपनी रीढ़ को सीधा रखना चाहिए। आप पद्मासन, सुखासन, वज्रासन या कुर्सी पर बैठ सकते हैं। आपको अपनी आँखें बंद करनी चाहिए, और अपने मन को शांत करना चाहिए। साँस को नाक से बाहर छोडिये तो आपका पेट अपने आप अंदर जायेगा ,सामान्य रूप से साँस लीजिये I इस प्रक्रिया को आपको लगातार और लयबद्ध रूप से करते रहना चाहिए। एक सेकंड में एक बार करना हे I 5-5-5 मिनट करना हे बीच में सूक्ष्म व्यायाम करने हें Iये पेट को ठीक रखता हे ,पाचन प्रणाली को मजबूत बनाता हे और कब्ज नहीं होने देता इस प्रकार ये भी बवासीर का रामबाण इलाज हे
इन आसनों को नियमित रूप से करने से आप बवासीर के लक्षणों को कम कर सकते हैं, और अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं। लेकिन आपको योग अपने योग टीचर की देख रेख में ही करना हे और अपनी क्षमता के अनुसार ही योग करना चाहिए। अगर आपको योग करते समय कोई तकलीफ हो, तो आपको तुरंत रुक जाना चाहिएI
बवासीर का रामबाण इलाज आहार में परिवर्तन :
बवासीर के इलाज के लिए आहार में परिवर्तन करना चाहिए –
- फाइबर वाला भोजन : अधिक फाइबर वाले खाद्य पदार्थ जैसे फल, सब्जियां, अनाज, और दालें खाएं। ये मल को नरम बनाते हैं और कब्ज को रोकते हैं।
- पानी : दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं। नारियल पानी, नींबू पानी, और हर्बल चाय भी उपयोगी होते हैं।
- पोस्टिक आहार: ताजा और प्राकृतिक खाद्य पदार्थों का सेवन करें। प्रोसेस्ड और जंक फूड से बचें।भगवान की रसोई का सामान ज्यादा खाना हे और अपनी रसोई का सामान कम खाना चाहिए I
बवासीर का रामबाण इलाज: दूध और निम्बू का प्रयोग:
सुबह खली पेट एक कप गायं का ताजा दूध लें ,उसमें एक निम्बू डालें ,अपने भगवान् को याद करें और एक ही घूंट में पी जाए I 3-7 दिन में इस प्रयोग से ब्लीडिंग बंद हो जायेगी I
योग के लाभ जानने के लिए ये विडियो देखें
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सारांश :
बवासीर एक चरम समस्या हो सकती है, जिससे बहुत तकलीफ होती हे और लोग शर्मिंदगी का सामना भी करते हें । हमने इस लेख में बवासीर के कारण, लक्षण, और उपचार के लिए कुछ प्रमुख घरेलू उपायों की चर्चा की है।
यदि आपको बवासीर की समस्या है, तो सबसे पहले डॉक्टर से सलाह लेना हमेशा अच्छा होता है। डॉक्टर के द्वारा सुझाए गए इलाज के साथ ही घरेलू नुस्खों का भी सही से अपनाना चाहिए। इसके अलावा, स्वस्थ जीवनशैली, पौष्टिक आहार, और प्रतिदिन की योग आदि को ध्यान में रखना भी महत्वपूर्ण है।
बवासीर को नजरअंदाज न करें, बल्कि समस्या के सही इलाज के लिए समय पर कारगर कदम उठाएं।
FAQ:
1. बवासीर क्या है और इसके प्रमुख कारण क्या हैं?
जब लगातार काब्जी होने पर मलाशय की नसों में सूजन हो जाती है, तो बवासीर हो जाती है। इसके प्रमुख कारण हैं अनियमित खान-पान और बैठने का अधिक समय।
2. बवासीर के कौन-कौन से लक्षण होते हैं?
बवासीर के लक्षण में खून के साथ खुजली, मस्सों का बहाव, और मलत्याग के समय दर्द शामिल हो सकता है। प्रोग्रेसिव बवासीर में अंतर्राष्ट्रीय या बाहर आ जाने का भी खतरा होता है।
3. बवासीर का क्या सरल घरेलू उपाय है?
बवासीर के लिए सरल घरेलू उपाय में सेब का अचार, घी व अजवाइन मिलाकर खाना, और नीम की पत्ती का सेवन शामिल है। बर्फ लगाना और स्वस्थ रहें भी मददगार हो सकता है।
4. क्या बवासीर के लिए घरेलू औषधि उपयोगी होती हैं?
हां, हल्दी-दूध, त्रिफला चूर्ण, इसबगोल, और कारंड (किया हुआ) इत्यादि घरेलू औषधि बवासीर के इलाज में कारगर हो सकती हैं। स्पष्ट जानकारी के लिए वैद्य से परामर्श करें।
5. अधिक तकलीफ के लिए बवासीर की कैसी चिकित्सा आवश्यक होती है?
बवासीर के उच्च स्तर के लिए सेर्जरी आवश्यक हो सकती है, जैसे स्क्लेरोथेरपी, बैंड लिगेशन, या हेमरोइडेक्टोमी। इसलिए, उचित चिकित्सा सलाह के लिए डॉक्टर से संपर्क करें I