15 Benefits of Bhastrika Pranayam:
By-Jitender Sharma.
(Jitender Sharma is a certified yoga teacher and MD in acupressure. He has 18 YRS years of experience in these fields).
दोस्तों नमस्कार !RCM GURUKUL में आपका स्वागत है !
क्या आप आलस्य से भरे रहते हैं ?
क्या आप दिन भर थके थके रहते हैं ?
क्या आपको दैनिक जीवन के कार्य करने में दिक्कत होती है ?
यदि इन प्रश्नों का उत्तर हाँ है। तो ज्यादा चिंता ना करे, ऐसा बहुत से लोगों के साथ हो रहा है। इसका मुख्य कारण है शरीर के सभी अंगों को भरपूर मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल रही है। और इस समस्या का एकमात्र हल है प्राणायाम को अपने जीवन का हिस्सा बनाना।
प्राणायाम क्या होता है :
प्राणायाम योग का एक महत्वपूर्ण अंग है I प्राणायाम में अपनी साँसों पर नियंत्रण करके आप अपने मन को अपने वश में कर सकते हो Iप्राणायाम कई प्रकार के होते हैं जैसे भस्त्रिका ,कपालभाती ,अनुलोम विलोम आदि
आज के इस लेख में, हम भस्त्रिका प्राणायाम के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।
- भस्त्रिका प्राणायाम कैसे किया जाता है?
- इसे करने से क्या लाभ प्राप्त होते हैं?
- इसे कितनी देर करना चाहिए?
- भस्त्रिका प्राणायाम को करने में किन सावधानियों का ध्यान रखना चाहिये?
भस्त्रिका प्राणायाम करने का सही तरीका:
भस्त्रिका प्राणायाम एक शक्तिशाली प्राणायाम है, जो हमारे शरीर और मन को ऊर्जा से भर देता है। इसे ‘धौंकनी प्राणायाम’ भी कहा जाता है क्योंकि इसमें सांस लेने और छोड़ने की क्रिया धौंकनी की तरह तेज होती है।इसे प्राणायाम के आरम्भ में किया जाता है जिससे शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा पूरी हो जाए।
भस्त्रिका प्राणायाम करने का तरीका :
- स्थान का चुनाव :किसी साफ़ ,शांत और हवादार स्थान का चुनाव करें Iआप अपने घर की छत पर ,बालकनी में या घर के पास किसी पार्क में प्राणायाम कर सकते हैं I
- आसन : आप सुखासन ,पदमासन या वज्रासन में बेठें Iआँखें बंद करके बेठना ज्यादा अच्छा होता है I
- प्राणायाम की तैयारी :शांत होकर बेठें ,लम्बे गहरे सांस लें और छोड़ें Iइससे आपका तनाव समाप्त होगा और आप का शरीर प्राणायाम करने के लिए तैयार हो जाएगा I
- सांस लेना: नाक के द्वारा लम्बा गहरा सांस अंदर ले जाए,इस समय आपका पेट अंदर जाएगा Iसामान्य रूप से सांस अंदर लेने (INHAILING) में दो से ढाई सेकंड का समय लगता है I
- सांस छोड़ना: आपको नाक से सामान्य गति से सांस को बाहर छोड़ना है Iसामान्य रूप से सांस छोड़ने (EXHAILING) में भी दो से ढाई सेकंड का समय लगता है I
- सांस लेने और छोड़ने की गति :भस्त्रिका प्राणायाम को 3 प्रकार से किया जा सकता है -(i) यदि आप कमजोर और बीमार है तो धीमी गति से सांस लें और धीमी गति से ही छोड़ें .(ii) यदि आप स्वस्थ हैं तो 2-3 सेकंड में सांस बारें और उतने समय में छोड़ें .(iii) यदि आप युवा और शक्तोवान हैं तो हाथों को उपर लेजाते हुए तेजी से सांस भरें और हाथों को तेजी से नीचे लाते हुए छोड़ें I
- प्राणायाम करने का समय :आरम्भ में 1-2 मिनट करें लेकिन अभ्यास होने के बाद लागातार 5 मिनट करें I
- विश्राम करें: 5 मिनट भस्त्रिका प्राणायाम करने के बाद कुछ देर आराम करे ,इस समय आप हाथों के सूक्ष्म व्यायाम कर सकते हैं I
भस्त्रिका प्राणायाम करने के फायदे :
1.ऑक्सीजन की अधिक मात्रा :
- बस तरीका प्राणायाम में ऑक्सीजन ज्यादा मात्रा में फेफड़ों में जाती है।
- यह ऑक्सीजन रक्त में मिलकर शरीर के प्रत्येक अंग तक पहुँच जाती है।
- जिसके कारण शरीर का प्रत्येक अंग ऊर्जावान बना रहता है।
- यदि शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा पूरी मात्रा में हो तो हम कैंसर जैसे रोग से भी बच जाते है।
2 . तीन दोषों का संतुलन :
- वात,पित्त और कफ के कारण होने वाले रोगों से बचाव करता है I
- वात पित्त और कफ का संतुलन बनाए रखता है I
- यदि तीनों दोष संतुलित रहें तो हम निरोग रहते हैं I
- भस्त्रिका प्राणायाम तीनों दोषों से मुक्ति दिलाता है I
3 .वजन नियंत्रण :
- इस प्राणायाम से मोटापा कम होता है।
- यह एक्स्ट्रा फैट को जलाने में सहायता करता है।
- मेटाबॉलिज्म को तेज करके वजन को बढ़ने नहीं देता।
- नियमित रूप से करने पर हमारा वजन संतुलित रहता है।
4 .पाचन में सुधार :
- यह पाचन की अंगों की कार्यक्षमता को बढ़ाता है।
- इससे पाचन अच्छी प्रकार होने लग जाता है।
- अपचन, गैस और कब्ज जैसी समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
- अच्छे पाचन के कारण शरीर के सभी अंगों को शक्ति प्राप्त होती है।
5 .टोक्सिन (TOXINS) से छुटकारा :
- यह प्राणायाम टोक्सिन (TOXINS) को शरीर से बाहर निकलने का काम करता है ।
- शरीर के सभी अंग स्वस्थ रहते हैं और अपना काम अच्छी प्रकार कर पाते हैं।
- टॉक्सिन्स के बाहर निकल जाने से हम निरोग रहते हैं।
- इस से रक्त में हिमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ती है और हम ऊर्जावान रहते हैं।
6 .जोड़ों के दर्द में आराम :
- यह जोड़ों के दर्द से आराम दिलाता है।
- जोड़ों के अंदर रक्त प्रवाह अच्छी प्रकार से होता है जिससे वो स्वस्थ रहते हैं।
- इस प्राणायाम से गठिया रोग में राहत मिलती है।
- नियमित रूप से करने से हमारे जोड़ हमेशा के लिए स्वस्थ रहते हैं।
7 . फेफड़ों की कार्यक्षमता में वृद्धि:
- भस्त्रिका प्राणायाम सी फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ती है।
- इससे फेफड़ों में ज्यादा मात्रा में ऑक्सीजन पहुंचती है।
- यह प्राणायाम फेफड़ों को निरोग रखने में मदद करता है I
- यह फेफड़ों को हर प्रकार की बिमारी से बचाता है।
8 . अस्थमा से बचाव:
- इस प्राणायाम से हमारे फेफड़े निरोग रहते हैं।
- यह हमें सांस संबंधित सभी प्रकार के रोगों से बचाता है।
- एस्थमा को ठीक करने में सहायक होता है।
- नियमित रूप से करने पर हमें कभी भी सांस की बीमारियां नहीं हो सकती
9. चिंता और तनाव से छुटकारा:
- तनाव की अवस्था में बस तरीका, प्राणायाम लाभदायक होता है।
- ये हमारे मूड को अच्छा बनाता है।
- यह चिंता से छुटकारा दिलाता है।
- नियमित रूप से करने पर हमें कभी भी चिंता और तनाव का सामना नहीं करना पड़ता।
10 . धमनियों की सफाई:
- इस प्राणायाम के करने से धमनियाँ साफ रहती है।
- यह धमनियों में कोलेस्ट्रॉल के जमाव को रोकता है।
- यह धमनियों की रुकावट को साफ करने में सहायता करता है।
- इसके कारण हृदय को पूरी मात्रा में रक्त मिलता है और वह स्वस्थ रहता है।
11 .HIGH BP पर नियंत्रण :
- यह प्राणायाम रक्त चाप को कंट्रोल करता है I
- यदि धीमी गति से बस तरीका प्राणायाम किया जाये तो रक्तचाप नियंत्रण में रहता है।
- यह सिस्टॉलिक और डाइस्टोलिक दोनों रक्तचाप को ठीक रखता है।
- इसे नियमित रूप से करने पर आपका रक्तचाप हमेशा ठीक रहता है।
12 . ह्रदय के स्वास्थ्य में सुधार:
- यह हृदय को स्वस् रखने में सहायता करता है।
- रक्तचाप को कम करके हृदय के स्वास्थ्य को बढ़ाता है।
- इससे हृदय की गति नियंत्रण में रहती है।
- नियमित रूप से करने पर ये हमारे ह्रदय की कार्यक्षमता को बढ़ाता है।
13 .रक्त संचार में सुधार :
- यह प्राणायाम रक्त संचार को अच्छा बनाता है ।
- इसके कारण शरीर के प्रत्येक अंग को पूरी मात्रा में रक्त और ऑक्सीजन मिलती है।
- जिससे शरीर का हर अंग अपना कार्य अच्छी प्रकार करता है।
- यह दिमाग की कार्यक्षमता को बढ़ाने में सहायता करता है।
14 . रक्त शर्करा की मात्रा पर नियंत्रण:
- इस प्राणायाम से हमारे खून में शर्करा की मात्रा नियंत्रण में रहती है।
- ये है पैनक्रिअस की कार्यक्षमता को बढ़ाता है।
- इस प्राणायाम के करने से डायबिटीज़ को रिवर्स किया जा सकता है।
- प्रतिदिन नियमित रूप से करने पर हम हमेशा डायबिटीज़ से बचे रह सकते हैं।
15 . एलर्जिक राइनाइटिस से बचाव:
- यह प्राणायाम रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
- मौसम बदलने पर होने वाली बीमारियों से हमें बचाता है।
- सर्दी जुकाम जैसी बीमारियों की रोकथाम करता है।
- हर प्रकार की एलर्जी से सुरक्षा प्रदान करता है।
- यह साइनस को ठीक करने में मदद करता है I
भस्त्रिका प्राणायाम के लाभ का विडियो देखें
भस्त्रिका प्राणायाम करने में सावधानियां :
- इस प्राणायाम को करने का सर्वोत्तम समय प्रातःकाल है . यदि आप शाम को करते हैं तो खाना खाने के तीन या 4 घंटे बाद ही इसे करें।
- यदि आप का बीपी हाई रहता है तो इसे धीरे धीरे करें या करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें।
- यदि प्राणायाम करते वक्त आपको चक्कर आने लग जाए तो तुरंत शवासन में लेट के आराम करें।
- यदि आपको ह्रदय रोग ,मोतियाबिंद , प्रिंट ट्यूमर,आंतो के रोग ,पेट का अल्सर या दस्त की समस्या हो तो आपको भस्त्रिका प्राणायाम नहीं करना चाहिए I
- ज़्यादा गर्मी के मौसम में बस तरीका प्राणायाम करने के बाद शीतली और शीतकारी प्राणायाम करें।
- इस प्राणायाम को करने से आधा घंटा पहले और आधा घंटा बाद तक पानी ना पिएं।
- यदि आपको बहुत ज्यादा प्यास लगी हो तो प्राणायाम करने के बाद एक या दो घूंट गुनगुने पानी की ले सकते हैं I
- इस प्राणायाम को प्रशिक्षित योग शिक्षक की निगरानी में करना ज्यादा अच्छा होता है।
योग के लाभ का ये विडियो देखें –
htFAQtps://youtu.be/zA7camagW_Q
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निष्कर्ष (CONCLUSION):
इस ब्लॉग पोस्ट में हमने भस्त्रिका प्राणायाम के 15 महत्वपूर्ण फायदों के बारे में जाना। यह प्राणायाम शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभदायक है।
भस्त्रिका प्राणायाम के कुछ प्रमुख फायदे हैं:
- श्वसन तंत्र को मजबूत बनाना
- रक्त संचार को बेहतर बनाना
- पाचन क्रिया को दुरुस्त करना
- तनाव और चिंता को कम करना
- वजन घटाने में सहायक
- रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना
- मस्तिष्क को सक्रिय करना
- त्वचा को स्वस्थ बनाना
- ऊर्जा का स्तर बढ़ाना
- आत्मविश्वास को बढ़ाना
भस्त्रिका प्राणायाम का अभ्यास करने के लिए:
- शांत वातावरण चुनें
- सुखासन या पद्मासन में बैठें
- दीर्घ श्वास लें
- जल्दी से सांस अंदर लें और बाहर निकालें
- धीरे-धीरे सांसों की गति बढ़ाएं
- 5-10 मिनट तक अभ्यास करें
भस्त्रिका प्राणायाम करते समय:
- अपनी क्षमता के अनुसार अभ्यास करें
- यदि कोई स्वास्थ्य समस्या है तो डॉक्टर से सलाह लें
- गर्भवती महिलाओं को यह प्राणायाम नहीं करना चाहिए
**नियमित रूप से भस्त्रिका करना हमारी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है I
FAQ:
- भस्त्रिका प्राणायाम कैसे करें?
किसी भी आसन में बेठ कर लम्बा सांस लें और लम्बा सांस छोड़ें . - भस्त्रिका प्राणायाम क्यों करें?
इससे शरीर की ऊर्जा बढ़ती है, मस्तिष्क की शक्ति मजबूत होती है . - भस्त्रिका प्राणायाम कितनी बार करें?
प्रतिदिन 15 से 20 मिनट करना फायदेमंद है। ध्यान और स्वास्थ्य के लिए अच्छा है। - भस्त्रिका प्राणायाम कितने समय तक शुरू करें?
इसे शुरू करने के लिए 5 मिनट की शुरुआत करें और धीरे-धीरे बढ़ाते जाएं। - भस्त्रिका प्राणायाम के क्या फायदे हैं?
इसके लिए मस्तिष्क की ऊर्जा लाभकारक होती है,। यह डायबिटीज और एस्थमा के लिए भी अच्छा है।